कार्ड पेमेंट के वक्त टोकनाइजेशन हो जाएगा जरूरी, चेक कर लें कैसे टोकन में बदलेगा आपका कार्ड; ये है स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस
RBI Tokenisation: अगर आप भी कार्ड से पेमेंट करते हैं तो आपको अपनी कार्ड डिटेल्स को टोकन से रिप्लेस करना होगा. अभी इस नियम को लागू होने में थोड़ा वक्त है. तो आइए पहले कार्ड टोकनाइनेजशन और इस नियम को पहले समझ लेते हैं.
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RBI Tokenisation: बैंक ग्राहकों के साथ होने वाले फाइनेंशियल फ्रॉड से सुरक्षा को लेकर केंद्रीय रिजर्व बैंक ने हालिया वक्त में कई तरीकों पर विचार किया है और कुछ नए नियम-कानून ला रहा है. कार्ड को टोकनाइज करने का विकल्प ऐसा ही नियम है. क्रेडिट और डेबिट कार्ड की डिटेल्स को सुरक्षित रखने के लिए आरबीआई यह नियम लागू कर रहा है. इस नियम के तहत कार्डहोल्डर्स को कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त अपने कार्ड को टोकन में बदलना होगा. इस नियम के तहत अब कार्ड पेमेंट के वक्त मर्चेंट और पेमेंट गेटवे कंपनी आपका डेटा और कार्ड डिटेल्स वगैरह सेव नहीं कर पाएंगे. इसकी जगह उनके पास टोकन की डिटेल सेव होगी, जोकि आप खुद बनाएंगे. आरबीआई ने इसके लिए तारीख भी तय कर रखी है. अबतक के अपडेट के मुताबिक, 1 अक्टूबर के बाद से यह नियम प्रभावी हो जाएगा.
अगर आप भी कार्ड से पेमेंट करते हैं तो आपको अपनी कार्ड डिटेल्स को टोकन से रिप्लेस करना होगा. अभी इस नियम को लागू होने में थोड़ा वक्त है, तो आइए कार्ड टोकनाइनेजशन और इस नियम को पहले समझ लेते हैं.
कार्ड टोकनाइजेशन क्या होता है?
इसका सीधा मतलब है अपने कार्ड डिटेल्स को एक टोकन में बदलने से. जब आप कहीं कार्ड पेमेंट प्रोसेस करते हैं तो ईजी और फास्ट पेमेंट एक्सपीरियंस के लिए वो मर्चेंट प्लेटफॉर्म आपके कार्ड की डिटेल्स जैसे कि- आपके कार्ड का नंबर, आपकी सीवीवी (कार्ड के पीछे लिखी 3 डिजिट वाली वैल्यू), एक्सपायरी डेट वगैरह को अपने डेटाबेस पर सेव कर लेता है. अब तक यही होता रहा है, लेकिन आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिहाज से यह सेफ प्रैक्टिस नहीं है. अगर उस वेबसाइट/प्लेटफॉर्म/मर्चेट का डेटा हैक होता है तो आपका डेटा भी लीक हो सकता है.
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इसीलिए आरबीआई ने कार्ड टोकनाइजेनशन का विकल्प पेश किया है. इस नियम के तहत जब आप कार्ड पेमेंट करेंगे तो मर्चेंट आपकी कार्ड डिटेल्स सेव नहीं कर पाएगा क्योंकि आपने पहले ही अपने कार्ड के लिए टोकन तैयार कर लिया होगा. मर्चेंट के पास यही टोकन जाएगा.
आरबीआई का नियम क्या है?
आरबीआई का नियम कहता है कि 1 अक्टूबर, 2022 के बाद कार्डहोल्डर्स की कार्ड डिटेल्स उसके बैंक या कार्ड जारी करने वाली संस्था/नेटवर्क के अलावा कोई और सेव नहीं कर सकता. इसके पहले ही यूजरों को कार्ड डिटेल्स को टोकन से रिप्लेस करना होगा. यानी कि अपने कार्ड को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी बैंकों और खुद कार्डहोल्डर्स की है. आपको अपना डेटा सुरक्षित रखने का विकल्प दिया जा रहा है.
कैसे करना होगा कार्ड का टोकनाइजेशन?
पेमेंट इनीशिएट होने के बाद कार्डहोल्डर को अपने कार्ड का टोकनाइजेशन करने का ऑप्शन चुनना होगा. इसके बाद वो पेमेंट गेटवे या मर्चेंट टोकन रिक्वेस्टर की हैसियत से टोकन के लिए रिक्वेस्ट डालेगा, जिसके बाद बैंक कार्डहोल्डर की परमिशन के साथ टोकन रिक्वेस्टर को टोकन क्रिएट करके दे देगा.
आपको अपनी कार्ड की डिटेल्स को टोकन में बदलना कैसे है, कैसे आपकी डिटेल्स टोकन से रिप्लेस होंगी, उसका स्टेप-बाई-स्टेप प्रोसेस कुछ ऐसे है-
> अगली बार जब आप किसी ऐप या ऑनलाइन वेबसाइट पर शॉपिंग के बाद कार्ड से पेमेंट करने जाएं तो आपको टोकनाइजेशन का विकल्प चुनना होगा.
> पेमेंट ट्रांजैक्शन प्रोसेस शुरू करने के बाद आपको अपने डेबिट या क्रेडिट, जिस भी मोड में आप पेमेंट कर रहे हों, उसकी डिटेल देनी होगी. यहां अपने कार्ड की डिटेल्स भरें.
> इसके बाद आपको "secure your card as per RBI guidelines" .या "tokenise your card as per RBI guidelines" का विकल्प दिखाई देगा. यह ऑप्शन सेलेक्ट कर लें.
> कार्ड का टोकन बनाने के लिए यहां आपको अपना अप्रूवल देना होगा. इसके लिए आपको आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक OTP आएगा, यह OTP डालने से आपका टोकन बन जाएगा.
> अब आपका टोकन तैयार है और ट्रांजैक्शन प्रोसेस खत्म होने के बाद मर्चेंट के पास आपकी कार्ड की डिटेल्स की बजाय यह टोकन सेव होगा और आपका डेटा सुरक्षित रहेगा.
जरूरी बातें
आपको अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग टोकन सेव करना होगा. अगर आपका डिवाइस खो जाता है तो इसके लिए आपके बैंक को आपको टोकन डिऐक्टिवेट करने का ऑप्शन भी देना होगा, ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे.
टोकनाइजेशन प्रोसेस का फीचर यूजर्स को मोबाइल और टैबलेट पर ही मिलेगा. एक अच्छी बात यह भी है कि आपको इस सर्विस के लिए कोई भी फीस देने की जरूरत नहीं है.
07:52 AM IST