Identification of Fake note: बाजार में सर्कुलेशन में मौजूद करेंसी नोट की सिक्योरिटी को लेकर RBI हमेशा सतर्क रहती है. समय-समय पर वह करेंसी नोट की सिक्योरिटी को और भी बढ़ाती रहती है. फिर भी अक्सर नकली नोटों की खबरें सुनने को मिलती रहती है. ऐसे में क्या आपको भी डर लगता है कि कहीं आपके जेब में पड़ा नोट नकली तो नहीं. तो ये खबर आपके लिए ही है.

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आइए जानते हैं कि बैंक के करेंसी नोट पर क्या-क्या सिक्योरिटी फीचर मौजूद होते हैं, जिससे आप असली और नकली नोटों की पहचान कर सकते हैं.

ये हैं RBI के सिक्योरिटी फीचर्स

सुरक्षा धागा: बैंक के 10, 20, और 50 मूल्यवर्ग के नोट पर फ्रंट साइड में सिल्वर रंग की मशीन रिडेबल सुरक्षा धागा (Security Thread) होता है. यह सिक्योरिटी धागा अल्ट्रावायलेट प्रकाश में रखने पर पीले रंग का प्रतीत होता है. लाइट के विपरीत रखने पर यह एक सीधी रेखा में दिखता है. 

100 रुपये से अधिक मूल्य वाले नोट पर यह सिक्योरिटी थ्रेड हरी और नीली रंग में दिखती है. जिसका रंग अलग-अलग साइड से देखने पर बदलता है. इस सिक्योरिटी थ्रेड पर RBI और भारत लिखा होता है. 

सील प्रिंटिंग: 100 रुपये या उससे अधिक मूल्य वाले नोट पर महात्मा गांधी का चित्र, रिजर्व बैंक की सील, गारंटी और प्रॉमिस क्लॉज, अशोक स्तंभ, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए आइडेंटिफिकेशन मार्क इंटैग्लियो में प्रिंटेड (Intaglio printing) होते हैं.

सी थ्रू रजिस्टर: RBI के हर मूल्य वर्ग के नोट के बाईं और अंक का एक हिस्सा आगे की ओर और दूसरा पीछे की और छपा होता है. प्रकाश के विपरीत देखने पर आप पूरे अंक को एक साथ देख सकते हैं.

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वॉटर मार्क और इलेक्ट्रोटाइप वॉटरमार्क: बैंक नोट पर महात्मा गंधी का चित्र वॉटरमार्क विंडो (Watermark Window) में लाइट और शेड इफेक्ट और मल्टी डायरेक्शन लाइनों के साथ दिखती है. प्रत्येक मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर वॉटरमार्क विंडो में अंक को दर्शाने वाला एक इलेक्ट्रोटाइप मार्क भी होता है. प्रकाश में रखने पर यह ज्यादा बेहतर दिखता है.

रंग बदलने वाली स्याही: 200, 500 और 2000 रुपये के नोट पर यह मूल्य एक रंग बदलने वाली स्याही से लिखा होता है. जब नोट को समतल रखा जाता है तो इन अंकों का रंग हरा दिखाई देता है, लेकिन जब इन्हें थोड़ा घुमाया जाए तो यह नीले रंग में बदल जाता है

नया नंबरिंग पैटर्न: हर मूल्यवर्ग के बैंक नोट (RBI Bank note) पर नंबर पैनल में बाएं से दाएं बढ़ते आकार में लिखे होते हैं. इनमें पहले तीन अल्फा-न्यूमैरिक कैरेक्टर (Alpha-numeric Characters) एक ही साइज में होते हैं.

एंगुलर ब्लीड लाइन्स: बैंक नोट्स के साइड में दो एंगीलुअर ब्लीड लाइन्स (Angular bleed lines) की शुरुआत की गई है. यह नोट के मूल्य के हिसाब से बढ़ता जाता है. 100 रुपये में 2 ब्लॉक में 4 लाइन, 200 रुपये में 2 सर्कल के साथ 4 एंगीलुअर ब्लीड लाइन, 500 रुपये के नोट में 3 ब्लॉक में 5 लाइन, इसके अलावा 100 रुपये या उससे अधिक मूल्य वाले नोट में आइडेंटिफिकेशन मार्क में 50 फीसदी की वृद्धि की गई है.