सरकार फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के किसी अन्य प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही. फिलहाल वह देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के साथ विलय पूरा होने का इंतजार करेगी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक सृजित करने के लिये पिछले महीने इन तीनों बैंकों के विलय को मंजूरी दी.

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विलय प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार

सूत्रों के अनुसार विलय प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही है. इन तीनों बैंकों के विलय प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद ही ऐसे अन्य किसी प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. पिछले महीने तीनों बैंकों के निदेशक मंडल ने प्रस्तावित विलय के लिये शेयर अदला-बदली अनुपात को मंजूरी दी. बीओबी द्वारा घोषित विलय योजना के तहत विजया बैंक के शेयरधारकों को 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे. वहीं देना बैंक को 1,000 शेयर के बदले बीओबी के 110 शेयर मिलेंगे.

 

 

योजना 1 अप्रैल से अमल में आएगी

यह पहला मौका है जब देश में तीन बैंकों का विलय हो रहा है. इस विलय के बाद संयुक्त इकाई का कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपये होगा और स्टेट बैंक तथा आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 18 पर आ जाएगी. इसके अलावा सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय की प्रक्रिया भी आगे बढ़ा रही है. इससे पहले भी सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था.

 

(इनपुट एजेंसी से)