Fixed Deposit आज भी लोगों के लिए निवेश के पसंदीदा विकल्‍पों में से एक है. इसका कारण लंबे समय से इस स्‍कीम पर उनका भरोसा रहा है. इस स्‍कीम में निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहता है, साथ ही उस पर गारंटीड रिटर्न मिल जाता है. FD में अलग-अलग टेन्‍योर मिलते हैं. पोस्‍ट ऑफिस में 1,2, 3 और 5 साल की एफडी का ऑप्‍शन मिलता है, जबकि बैंक में 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी का ऑप्‍शन मिल जाता है. सबकी ब्‍याज दर भी अलग-अलग होती है.

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लेकिन कई बार लोगों को एफडी में पैसा फिक्‍स करवाने के बाद अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है तो वो इसे तुड़वा लेते हैं. एफडी को तुड़वाने पर बैंक आपसे पेनल्‍टी वसूल करते हैं. ऐसे में आपको वो मुनाफा नहीं मिल पाता जो आपको मिल सकता था. जानिए इस नुकसान से बचने के क्‍या तरीके हैं?

देनी होती है पेनल्‍टी

अगर आप एफडी को समय से पहले तुड़वाते हैं तो आपको उस पर वो ब्‍याज नहीं मिलता है, जो आपको एफडी शुरू करने पर आपको बताया गया था. SBI के नियम के अनुसार मैच्‍योरिटी से पहले FD तुड़वाने पर ब्‍याज पर पेनल्‍टी वसूल की जाती है. अगर आप 5 लाख रुपए तक की FD करवाते हैं तो उस एफडी को मैच्‍योरिटी से पहले ब्रेक करने पर 0.50% पेनल्टी देनी होती है. वहीं 5 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की FD कराने पर 1% पेनल्टी समय से पहले ब्रेक करने पर देनी होती है. साथ ही आपके ब्‍याज में भी 1% तक की कटौती की जा सकती है. 

इस नुकसान से कैसे बचें

समय से पहले एफडी तुड़वाने के नुकसान से बचने के दो तरीके हैं. पहला यदि FD करवाते समय आपको पता है कि कुछ समय बाद आपको पैसे की जरूरत पड़ सकती है और कोई दूसरा ऑप्शन न होने के कारण आपको एफडी तुड़वानी पड़ सकती है तो बेहतर होगा कि आप कम समय की एफडी करवाएं. दूसरा तरीका ये है कि आप एक ही एफडी में सारा पैसा न लगा कर छोटे-छोटे अमाउंट के कई एफडी कराएं. 

मतलब अगर आपके पास 5 लाख रुपए हैं तो इसकी 1-1 लाख की 5 एफडी करवाएं. इससे ये होगा ये कि अगर कभी पैसों की जरूरत पड़ी और बीच में एफडी तोड़नी पड़ी तो जरूरत के हिसाब से आप 1-2 एफडी को तोड़कर पैसों का इंतजाम कर सकते हैं. बाकी एफडी पर उनका ब्‍याज मिलता रहेगा. इसके अलावा अगर एफडी लंबे समय की है तो आप इसे तुड़वाने की बजाय इस पर लोन लेकर भी पैसों का इंतजाम कर सकते हैं.