हाल ही में DBS बैंक और CRISIL ने एक स्टडी की थी, जिसमें सामने आया कि महिलाओं की सोना खरीदने में दिलचस्‍पी कम हो रही है, जबकि फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट का चलन महिलाओं के बीच बढ़ा है. देखा जाए तो फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट सिर्फ महिलाओं का ही भरोसेमंद इनवेस्‍टमेंट ऑप्‍शन नहीं है, बल्कि बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक आज भी इसे काफी पसंद किया जाता है, जबकि बाजार में इससे बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्‍प भी मौजूद हैं. फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट्स भी सलाह देते हैं कि आपके पोर्टफोलियो में FD को जरूर शामिल करना चाहिए. आइए आपको बताते हैं Fixed Deposit की वो 7 खूबियां जिनकी वजह से ये आज भी लोगों की पसंद बना हुआ है.

सु‍रक्षित निवेश है बैंक एफडी

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महिलाएं हों, बुजुर्ग हों या युवा...बेहतर रिटर्न के साथ सब अपनी कमाई को सुरक्षित रखना चा‍हते हैं. बीते कुछ समय में एफडी पर रिटर्न काफी बेहतर हुआ है और ये सुरक्षित निवेश भी माना जाता है. दरअसल डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से बैंक एफडी पर 5 लाख तक का इंश्योरेंस किया जाता है. ऐसे में बैंक एफडी में जमा 5 लाख तक की रकम एकदम सुरक्षित होती है यानी अगर बैंक डूब भी जाए तो भी आपका ये पैसा सुरक्षित रहेगा.

1000 रुपए से भी कर सकते हैं शुरुआत

एफडी में निवेश की रकम को लेकर कोई कंडीशन नहीं होती. बहुत बड़ी रकम नहीं है, तो आप सिर्फ 1000 रुपए से शुरुआत कर सकते हैं. कोई अधिकतम लिमिट नहीं है. ऐसे में बचत के लिहाज से ये एक बेहतर जरिया है. इसके अलावा आप एफडी कितनी भी करवा सकते हैं. इसमें ऐसी कोई शर्त नहीं है कि अगर आपने एक एफडी करवाई है तो दूसरी नहीं करवा सकते.

मनचाही अवधि के लिए निवेश का विकल्‍प

आपको अपनी रकम कितने समय के लिए निवेश करनी है, ये आप पर निर्भर करता है. एफडी में इसके लिए कई ऑप्‍शंस हैं. आप 7 दिनों से लेकर 10 साल तक एफडी करवा सकते हैं. जरूरत पड़ने पर इसे रिन्‍यू भी करवा सकते हैं. इससे निवेशक को अपने शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल्स हासिल करने में सहूलियत होती है.

लोन की सुविधा

FD की एक खासियत यह भी है कि आप इसके बदले लोन ले सकते हैं. अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत आ जाए तो बिना एफडी को तुड़वाए आप इसके बदले लोन ले सकते हैं.  बैंक एफडी की कुल रकम का 90 से 95 फीसदी तक रकम लोन के तौर पर दे देते हैं. अमूमन एफडी की एवज में मिलने वाले लोन पर ब्‍याज एफडी से एक फीसदी अधिक होता है. अगर आप लोन को समय से नहीं चुका पाते तो आपकी एफडी की रकम से उस लोन को कवर कर लिया जाता है.  

मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर नहीं

एफडी पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता. आपने एफडी शुरू करते समय जो भी ब्‍याज दर लागू थी, उसी के हिसाब से मैच्‍योरिटी पर पैसा मिलता है. इससे निवेशक को पहले से ये अंदाजा हो जाता है कि उसके पास मैच्‍योरिटी पर‍ कितनी रकम होगी. 

सीनियर सिटीजंस को ज्‍यादा ब्‍याज

ज्‍यादातर बैंक में सीनियर सिटीजंस को आम लोगों की तुलना में 50 बेसिस प्‍वॉइंट यानी 0.50% ज्यादा ब्याज देते हैं. इसके अलावा कुछ बैंक 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले ‘सुपर सीनियर सिटिजन्स’ को 0.25% का और अतिरिक्त ब्याज देते हैं. ऐसे में सीनियर सिटीजंस के लिए ये फायदेमंद डील है.

टैक्‍स बेनिफिट्स

अगर आप 5 साल या उससे ज्‍यादा समय के लिए एफडी करवाते हो, तो आपको 80सी के तहत टैक्स छूट क्लेम करने का मौका मिलता है. अगर आप 5 साल से कम की एफडी कराते हैं, तो आपको टैक्‍स देना होगा. इसके अलावा अगर पांच साल में से किसी साल में बैंक से मिला ब्याज 40 हजार रुपए से ज्‍यादा हुआ, तो भी आपको टैक्‍स देना पड़ेगा.