Explainer: 1 जनवरी से बदल जाएंगे बैंक लॉकर के नियम, जानें किन स्थितियों में बैंक होगा जिम्मेदार और ग्राहक को देगा मुआवजा
अगर आप भी बैंक के लॉकर का इस्तेमाल करते हैं या लॉकर को किराए पर लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लॉकर नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. यहां जानिए बैंक लॉकर के नियम से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
अगर आप अपना कीमती सामान रखने के लिए बैंक के लॉकर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको 1 जनवरी 2023 से पहले बैंकों के लॉकर एग्रीमेंट पर साइन करना होगा क्योंकि 1 जनवरी 2023 से लॉकर के नियम बदलने जा रहे हैं. लॉकर एग्रीमेंट को लेकर ग्राहकों को सचेत करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) जैसे बैंक अलर्ट एसएमएस भी भेज रहे हैं. पीएनबी द्वारा ग्राहकों को भेजे जा रहे मैसेज में लिखा है कि 'RBI गाइडलाइंस के अनुसार न्यू लॉकर एग्रीमेंट 31 दिसंबर 2022 से पहले एक्जीक्यूट किया जाना है. कृपया सुनिश्चित करें अगर पहले नहीं किया गया है - टीम पीएनबी'.
अगर आप भी बैंक के लॉकर का इस्तेमाल करते हैं या लॉकर को किराए पर लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लॉकर नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. आरबीआई ने 8 अगस्त 2021 को नोटिफिकेशंस के जरिए नई गाइडलाइंस के बारे में घोषणा की थी और 1 जनवरी 2022 से नए नियम लागू हो चुके हैं. 1 जनवरी 2023 से पहले लॉकर होल्डर्स को नए लॉकर एग्रीमेंट के लिए पात्रता दिखानी होगी और नवीनीकरण के लिए एग्रीमेंट करना होगा.
RBI के संशोधित निर्देश
भारतीय रिजर्व बैंक के संशोधित निर्देश अधिसूचना के अनुसार, 'बैंक ये सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर समझौतों में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं. इसके अलावा, बैंक के हितों की रक्षा के लिए अनुबंध की शर्तें व्यवसाय के सामान्य पाठ्यक्रम में जरूरत से ज्यादा कठिन नहीं होंगी. बैंक 1 जनवरी, 2023 तक मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ अपने लॉकर समझौतों का नवीनीकरण करेंगे.
क्या है लॉकर एग्रीमेंट
पीएनबी के लॉकर एग्रीमेंट पॉलिसी के अनुसार, किसी भी कस्टमर को लॉकर एलॉट करते समय बैंक उस ग्राहक के साथ जिसे लॉकर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है, विधिवत एक मोहर लगे कागज पर एग्रीमेंट करता है. दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक कॉपी लॉकर-किराएदार को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दी जाती है. जबकि किए गए समझौते की ऑरिजिनल कॉपी उस बैंक की शाखा के पास होती है, जहां लॉकर की सुविधा ग्राहक को प्रदान की जाती है.
1 जनवरी 2022 से लागू हो चुके हैं ये नियम
एसएमएस और ईमेल अलर्ट
ग्राहक जब भी आप अपना लॉकर एक्सेस करेंगे तो इसका अलर्ट बैंक के माध्यम से ई-मेल और एसएमएस के जरिए दिया जाएगा. ये मैसेज दिन समाप्त होने से पहले बैंकों की तरफ से ग्राहक के पंजीकृत ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर पर पुष्टि के रूप में भेजा जाएगा. इस मैसेज में ग्राहकों को अनधिकृत लॉकर एक्सेस की स्थिति में दिनांक, समय और संभावित उपाय के बारे में सूचित करना होगा.
इन स्थितियों में बैंक देगा मुआवजा
- आरबीआई के नए मानकों के अनुसार, बैंक की लापरवाही के चलते अगर लॉकर में रखी सामग्री को कोई भी नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक को भुगतान करना होगा.
- आरबीआई की अधिसूचना कहती है, ये बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे परिसर की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं जिसमें सुरक्षित जमा तिजोरी रखी गई है.
- ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बैंक की है कि आग, चोरी/डकैती, इमारत का गिरना जैसी घटनाएं बैंक के परिसर में उसकी अपनी कमियों, लापरवाही और किसी चूक के कारण न हो.
- बैंक ये दावा नहीं कर सकते हैं कि वे लॉकर की सामग्री के नुकसान के लिए अपने ग्राहकों के प्रति कोई उत्तरदायित्व नहीं रखते हैं.
- ऐसे मामलों में जहां लॉकर की सामग्री का नुकसान ऊपर उल्लिखित घटनाओं के कारण होता है बैंक के कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण होता है, तो बैंक की देयता लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक होगी.
इन स्थितियों में बैंक नहीं करेगा क्षतिपूर्ति
भूकंप, बाढ़, बिजली गिरने, आंधी-तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं, ग्राहक की गलती या लापरवाही के कारण लॉकर में रखी सामग्री को किसी भी तरह का नुकसान होता है, तो बैंक उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा. दूसरी ओर, बैंकों को ऐसी आपदाओं से अपनी सुविधाओं को सुरक्षित करने के लिए अपने लॉकर सिस्टम के साथ उचित सावधानी बरतनी चाहिए.
लॉकर का किराया वसूलने के लिए बैंक सावधि जमा स्वीकार करना जारी रखेंगे. लॉकर किराए का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, बैंकों को आवंटन के समय सावधि जमा प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है, जिसमें तीन साल का किराया और ऐसी किसी घटना के मामले में लॉकर को खोलने के शुल्क शामिल होंगे. हालांकि, बैंक मौजूदा लॉकर होल्डर्स या संतोषजनक संचालन वाले खातों से ऐसी सावधि जमाओं पर जोर नहीं देंगे.
अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर
अगर एकमात्र लॉकर होल्डर मृत्यु की स्थिति में किसी व्यक्ति को लॉकर का सामान लेने के लिए नामांकित करता है तो बैंक निर्धारित तरीके से एक सूची लेने के बाद अकाउंट होल्डर के डेथ सर्टिफिकेट और नॉमिनी की पहचान को लेकर वेरिफिकेशन करेगा और संतुष्ट होने के बाद नॉमिनी को लॉकर का सामान लेने की स्वीकृति देगा.
अगर लॉकर को संयुक्त हस्ताक्षर के तहत संचालित करने के निर्देश के साथ संयुक्त रूप से किराए पर लिया गया था और लॉकर किराएदार किसी अन्य व्यक्ति को नामित करता है तो बैंक सर्वाइवर्स और नॉमिनी को संयुक्त रूप से सामग्री को हटाने की स्वतंत्रता देगा.