Savings Account और Current Account में क्या फर्क होता है और क्या हैं इनके फायदे?
बैंक में दो तरह के अकाउंट ओपन करवाए जाते हैं Savings Account और Current Account. दोनो अकाउंट्स का इस्तेमाल डिपॉजिट और ट्रांजैक्शन, दोनों के लिए होता है. लेकिन फिर भी ये अकाउंट्स एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. जानिए दोनों के बीच का अंतर.
आपको चाहे किसी स्कीम का फायदा लेना हो या फिर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना हो, इसके लिए बैंक अकाउंट की जरूरत होती है. नौकरीपेशा की सैलरी भी हर महीने बैंक अकाउंट में ही क्रेडिट होती है. बैंक में दो तरह के अकाउंट ओपन करवाए जाते हैं Savings Account और Current Account. दोनो अकाउंट्स का इस्तेमाल डिपॉजिट और ट्रांजैक्शन, दोनों के लिए होता है. लेकिन फिर भी ये अकाउंट्स एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. जानिए सेविंग्स और करंट अकाउंट में क्या फर्क होता है.
ये है सेविंग्स और करंट अकाउंट में फर्क
सेविंग अकाउंट को लोग पैसों की बचत के इरादे से ओपन करवाते हैं. रेगुलर सेविंग अकाउंट, सैलरी अकाउंट, जीरो बैलेंस अकाउंट और सीनियर सिटीजंस के लिए कुछ खास तरह के अकाउंट्स आदि सेविंग्स अकाउंट ही होते हैं. इन पर 2.5 से 4 फीसदी ब्याज मिलता है. वहीं करंट बैंक अकाउंट उन ग्राहकों के लिए होता है, जो बड़ी मात्रा में नियमित रूप से पैसों का लेन-देन करते हैं. इसे खासतौर पर बिजनेसमैन के लिए बनाया गया है. हालांकि करंट बैंक अकाउंट पर किसी तरह का कोई ब्याज नहीं मिलता है.
मिनिमम बैलेंस
जीरो बैलेंस अकाउंट और सैलरी अकाउंट के अलावा ज्यादातर सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है. मिनिमम बैलेंस न होने पर पेनल्टी देनी पड़ती है. लेकिन करंट अकाउंट में ऐसा नहीं होता है. इसमें आपको मौजूद बैलेंस से ज्यादा भी विड्रॉल करने की सुविधा मिलती है.
ट्रांजैक्शन की लिमिट
सेविंग्स अकाउंट से महीने में किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की एक लिमिट होती है, लेकिन करंट बैंक अकाउंट में ऐसी कोई लिमिट नहीं होती है. इसके अलावा सेविंग अकाउंट में मैक्सिमम अमाउंट रखने की भी लिमिट होती है, जबकि करंट अकाउंट में ऐसी कोई लिमिट नहीं है.
टैक्स के नियम
सेविंग्स अकाउंट में जमा पर ब्याज मिलता है और ग्राहक को ब्याज के रूप में होने वाली आय टैक्स (Income Tax) के दायरे में आती है, जबकि करंट अकाउंट में कोई ब्याज नहीं मिलता, इसलिए ये टैक्स के दायरे से बाहर है.