केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त सभी बैंक नोट को जारी करने का एकल अधिकार अधिनियम की धारा 22 के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India -RBI) के पास है. अपने इस अधिकार के तहत आरबीआई 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000 तक के नोट छापता है. लेकिन ₹1 के नोट या सिक्‍के को छापने का अधिकार रिजर्व बैंक के पास नहीं होता है. इसे वित्‍त मंत्रालय जारी करता है. यहां जानिए इसकी क्‍या वजह है?

कॉइनेज एक्‍ट के तहत भारत सरकार को मिला अधिकार

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दरअसल आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 के अनुसार आरबीआई को 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 और 2000, 5000, 10000 या इससे भी ज्‍यादा कीमत के नोट जारी करने का अधिकार प्राप्‍त है. लेकिन इसमें एक रुपए या नोट का जिक्र नहीं किया गया है. इस नोट को छापने का अधिकार कॉइनेज एक्‍ट के तहत भारत सरकार को दिया गया है.

अन्‍य नोटों से थोड़ा अलग है एक का नोट और सिक्‍का

एक का नोट या सिक्‍का बेशक वित्‍त मंत्रालय छापता है, लेकिन इसका बाजार में सर्कुलेशन आरबीआई के तहत ही आता है. एक रुपए के नोट या सिक्‍के पर ' मैं धारक को...अदा करने का वचन देता हूं' नहीं लिखा जाता है और न ही एक रुपए के नोट पर सिल्‍वर लाइन होती है. ज‍बकि अन्‍य सभी नोटों पर सिल्‍वर लाइन होती है.  इस एक्ट में हालांकि वक्त-वक्त पर कई बदलाव होते रहे हैं. एक रुपए के नोट और सिक्‍के पर आरबीआई के गर्वनर की जगह वित्‍त सचिव के सिग्‍नेचर होते हैं. 

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दो बार लग चुकी है छपाई पर रोक

1 रुपए के नोट की छपाई पर दो बार रोक भी लग चुकी है, इसके बावजूद इन नोटों की वैधता कभी खत्‍म नहीं हुई. पहली बार साल 1926 में इसकी छपाई पर रोक लगाई गई थी. लेकिन 1940 में नोट दोबारा से छपने लगे. इसके बाद 1994 में एक बार फिर से  इन्‍हें बंद कर दिया गया. लेकिन 2015 से नोटों की छपाई का काम फिर से शुरु हो गया. आज भी एक का नोट सिक्‍कों की बजाय कम चलन में है, लेकिन इसका वैधता समाप्‍त नहीं हुई है.