सिर्फ Loan Payment History ही नहीं, क्रेडिट स्कोर को खराब करने में CUR भी बन सकता है बड़ा फैक्टर, जानिए ये होता क्या है?
क्रेडिट स्कोर के मामले में Loan Payment History के अलावा कई अन्य फैक्टर्स भी हैं, जो सिबिल स्कोर को प्रभावित करते हैं और उनमें से काफी अहम है CUR यानी Credit Utilization Ratio. आइए आपको बताते हैं कि ये होता क्या है.
लोन के मामले में क्रेडिट स्कोर बहुत मायने रखता है. क्रेडिट स्कोर विश्वसनीयता का वो पैमाना है जिसके आधार पर बैंक ये तय करते हैं कि लोन के लिए आवेदन करने वाले को कर्ज देना है या नहीं. क्रेडिट स्कोर अगर खराब हो तो लोन मिलने में काफी परेशानी होती है और अगर मिलता भी है तो ब्याज दर बहुत ज्यादा होती है. क्रेडिट स्कोर को कैलकुलेट करते समय कई बातों पर गौर किया जाता है.
इसमें सबसे पहले नंबर पर Loan Payment History को देखा जाता है. आपने अगर पहले कोई लोन लिया है तो उसकी ईएमआई को समय से दिया या नहीं. लोन पेमेंट हिस्ट्री का आपके सिबिल स्कोर पर काफी बड़ा असर होता है. लेकिन इसके अलावा कई अन्य फैक्टर्स भी हैं, जो सिबिल स्कोर को प्रभावित करते हैं और उनमें से काफी अहम है CUR यानी Credit Utilization Ratio. आइए आपको बताते हैं कि ये होता क्या है.
क्या होता है CUR
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) का मतलब है कि आपके क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की जो लिमिट है, आप एक महीने में उसका कितना फीसदी इस्तेमाल करते हैं. आप जितना ज्यादा प्रतिशत अमाउंट इस्तेमाल करेंगे, उतना ही ज्यादा आपका CUR होगा. उदाहरण के लिए अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर कुल क्रेडिट सीमा 100,000 रुपए है, लेकिन आपने 50,000 रुपए इसमें से खर्च किए हैं तो आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 50% होगा.
CUR कैसे डालता है क्रेडिट स्कोर पर असर
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.अगर आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो लगातार 30% से अधिक रहे, तो इससे बैंक को ये मैसेज जाता है कि आपकी निर्भरता क्रेडिट कार्ड पर ज्यादा है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ सकता है. वहीं अगर आप 30% की इस लिमिट का ध्यान रखते हुए खर्च करते हैं और समय से पेमेंट करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर इससे काफी अच्छा होता है.