अपनी ख्वाहिशों और जरूरतों को पूरा करने के लिए आज के टाइम में क्रेडिट कार्ड  एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है. लेकिन, वक्त पर पेमेंट (Credit Card Late Payment) न करने से यूजर्स को काफी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार ऐसा होता है कि कोई सामान खरीदना है, लेकिन हमारे पास उतना बजट नहीं है तो लोग ऐसे में उस सामान को खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और फिर पेमेंट के वक्त डेट लाइन मिस कर जाते हैं. टाइम से पेमेंट न करने पर आपको कौन-कौन से नुकसान उठाने पड़ सकते हैं. 

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अगर आप क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में देरी करते हैं, तो आपसे लेट फीस देनी होती है. ग्राहक समय पर पेमेंट नहीं करता है तो उसको अगले बिलिंग डिटेल में देर या छूटे हुए पेमेंट की अमाउंट भी जुड़कर आती है. इसके साथ ही आपकी लेट फीस चार्ज भी इसमें जोड़ा जाता है. लेट फीस चार्ज हर बैंक का अलग-अलग हो सकता है. 

ध्यान रखें की आपने क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का पैमेंट दी गई तारीख तक कर दें. यहां तक ​​कि अगर कभी तारीख पर अनिवार्य 5 फीसद भुगतान के लिए कहा जाता है तो आप 100 फीसदी का भुगतान करें. ऑउटस्टेडिंग अमाउंट को आगे ले जाने पर 36-42 % की रेट ऑफ इंटरेस्ट का पेमेंट करना पड़ सकता है.

ओवर रोलिंग करने से किसी को भी हाई इंटरेस्ट रेट का पेमेंट करना पड़ता है. जब तक कि कार्ड पर पूरे ऑउटस्टेडिंग अमाउंट का भुगतान नहीं किया जाता है. इसके अलावा, इंटरेस्ट फ्री पीरियड का फायदा भी नहीं मिलता. ज्यादातर सभी क्रेडिट कार्ड ड्यू तारीख आने से पहले कार्ड पर इंटरेस्ट मुक्त क्रेडिट समय देते हैं. हालांकि, पिछली बार के पूरे बिल का पेमेंट नहीं किया गया है, तो यह लाभ नहीं मिल पाता. 

इसके अलावा इंटरेस्ट फ्री लोन का समय 20 से 50 दिनों तक हो सकता है. हालांकि, यह तब लागू नहीं होता है जब पिछले महीने का बैलेंस पूरी तरह से नहीं चुकाया गया हो. इसलिए, अगर आपके पास अपने कार्ड पर 2,000 रुपए का बैलेंस है और आप अगले महीने में नई खरीदारी करते हैं, तो भी आपको नई खरीदारी पर कोई इंटरेस्ट नहीं मिलेगा.

लेट पेमेंट करने पर आपका क्रेडिट स्कोर नीचे गिरता है. आप जितना ज्यादा देरी से पेमेंट करेंगे आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही गिरता जाएगा. देर से पेमेंट करना आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है इसके साथ ही इसका असर लोन लेने और क्रेडिट लेने पर भी पड़ता है. तो इसलिए ग्राहक को समय पर क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करना चाहिए. 

अगर आप बार बार बिल पेमेंट में देरी करते हैं तो आप किसी भी तरह का रिवॉर्ड पॉइंट का फायदा नहीं ले पाएंगे. ग्राहक को पेमेंट करने के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाती अगर ग्राहक उस तय टाइम में पेमेंट नहीं करता है तो उस पर लगने वाला ब्याज भी बढ़ता जाता है. ग्राहक पर न केवल लेट फीस लगाई जाती है बल्कि आपकी ब्याज की राशि भी बढ़ाकर लगाई जाती है. 

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इसके अलावा लेट पेमेंट पर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट भी खराब होती है. यदि आपका पेमेंट करने में 30 दिनों से ज्यादा का समय लेते हैं तो ये आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को प्रभावित करता है.