EMI भरने से इतने दिन के लिए मिली राहत, कोरोना के कारण आया आदेश
कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण आपको EMI भरने से राहत मिल सकती है. हालांकि उत्तर प्रदेश में कोरोना के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगले दो हफ्ते यानि 6 अप्रैल, 2020 तक वित्तीय संस्थाओं, बैंकों या सरकारी संस्थाओं द्वारा लोगों से किसी प्रकार की वसूली कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण आपको EMI भरने से राहत मिल सकती है. हालांकि उत्तर प्रदेश में कोरोना के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगले दो हफ्ते यानि 6 अप्रैल, 2020 तक वित्तीय संस्थाओं, बैंकों या सरकारी संस्थाओं द्वारा लोगों से किसी प्रकार की वसूली कार्रवाई पर रोक लगा दी है. उधर, कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने सरकार से इस सीमा को बढ़ाकर 6 महीने करने को कहा है.
कोर्ट ने राज्य सरकार व सभी वित्तीय संस्थाओं, अधिकारियों को दो हफ्ते तक वसूली मामले में व्यक्तिगत उत्पीड़न नहीं करने का निर्देश दिया है. किसी को विवश नहीं किया जाएगा कि वह कोर्ट की शरण में आने को बाध्य हो.
कोर्ट ने कहा है कि दो सप्ताह तक कोई भी नीलामी प्रक्रिया नहीं होगी. किसी के भी मकान का ध्वस्तीकरण नहीं होगा. किसी को भी उसके मकान से बेदखल नहीं किया जाएगा. जिला प्रशासन एवं अर्ध न्यायिक संस्था किसी भी अधिकारी को पेशी के लिए तलब नहीं करेंगी. हाई कोर्ट ने यह कदम कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए दिया है.
उधर, कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) के बैनर तले दिल्ली के प्रमुख व्यापारी नेताओं के 3 दिवसीय व्यापार बंद के फैसले के पहले दिन शनिवार को दिल्ली के सभी प्रमुख थोक एवं खुदरा बाज़ार बंद रहे और कोई कारोबार नहीं हुआ.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह और कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए संगठन ने तीन दिन तक के लिए बाज़ार बंद रखने का आह्वान किया है.
हालांकि, दवा, डेरी और खाद्यान्न एवं कॉलोनी में स्थित किराना दुकानों को बंद से मुक्त रखा गया है, जिससे आम लोग अपनी दैनिक जरूरतों का सामान आसानी मिल सके.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीय और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की कैट ने देशभर के व्यापारियों को एक परामर्श भी भेजा है जिसमें आग्रह किया गया है की कोरोना के कारण से यदि व्यापार बंद रखना पड़ता है तो किसी भी कर्मचारी का वेतन न काटा जाए तथा किसी को भी नौकरी से निकला नहीं जाए.
उधर, उन्होंने यह भी कहा की देश भर के व्यापारियों की आपूर्ति श्रंखला में प्रचुर मात्रा में सामान उपलब्ध है और लोगों को किसी भी प्रकार की घबराहटपूर्ण खरीददारी नहीं करनी चाहिए. इसी बीच कैट ने वित्त मंत्री और कोविड-19 टास्क फोर्स की अध्यक्ष निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि आपूर्ति श्रंखला को दुरुस्त रखने के लिए बैंकों को निर्देशित किया जाए की व्यापारियों को रियायती ब्याज दर पर कोरोना कैश लोन उपलब्ध कराया जाये.
कैट ने यह भी आग्रह किया है की कोरोना के संकट को देखते हुए आयकर और जीएसटी में सभी प्रकार की रिटर्न दाखिल करने तथा टैक्स जमा कराने की तारीखों को 30 जून तक बढ़ाया जाए. वहीँ सभी प्रकार के बैंक कर्ज, EMI की किस्त अदायगी को 6 महीनों के लिए स्थगित किया जाना चाहिये.
खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के आग्रह को कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपना पूरा समर्थन दिया है. इसके चलते आज देश के 7 करोड़ व्यापारी अपना कारोबार बंद रखेंगे और उनके लगभग 40 करोड़ कर्मचारी भी अपने घरों पर रहकर जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे. देश के लगभग 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठन भी जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे.