सस्ता लोन चाहिए तो कितना होना चाहिए CIBIL Score? अच्छा क्रेडिट स्कोर तो मिलेगा More! जानें Money Guru से टिप्स
CIBIL Score for Loan: Money Guru में आपको ऑप्टिमा मनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और LoanTap के CEO सत्यम कुमार आपको बताएंगे कि आप कैसे आप सस्ता लोन पा सकते हैं, साथ ही अगर आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ गया है तो इसे कैसे सुधार सकते हैं.
CIBIL Score for Loan: आपका क्रेडिट स्कोर कैसा है, यह देखकर आपकी वित्तीय स्थिति का काफी सही अंदाजा लगाया जा सकता है. खासकर, लोन वगैरह के लिए अप्लाई करना हो तो आपका क्रेडिट स्कोर ही तय करता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं, इसलिए आपके लिए यह जरूरी हो जाता है कि आप एक हेल्दी क्रेडिट स्कोर मेंटेन करके रखें. अच्छा क्रेडिट स्कोर हो तो आप कई फायदे उठा सकते हैं. आप सस्ता लोन पाने के लिए इसकी मदद ले सकते हैं. Money Guru में आपको ऑप्टिमा मनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और LoanTap के CEO सत्यम कुमार आपको बताएंगे कि आप कैसे आप सस्ता लोन पा सकते हैं, साथ ही अगर आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ गया है तो इसे कैसे सुधार सकते हैं.
बैंक अच्छे क्रेडिट स्कोर पर सस्ता लोन देते हैं. बैंक सिबिल स्कोर के आधार पर कर्ज देते हैं. अगर आपका सिबिल स्कोर टॉप नॉच है तो आपको लोन रेट पर 0.15-0.25% डिस्काउंट मिल सकता है.
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SBI के के लिए सिबिल स्कोर और होम लोन दर (CIBIL Score and Home Loan Rate)
सिबिल स्कोर | नॉर्मल रेट | छूट | कंसेशन रेट |
800+ | 8.90% | 0.15% | 8.75% |
750-799 | 9% | 0.25% | 8.75% |
700-749 | 9.10% | 0.20% | 8.90% |
क्रेडिट स्कोर क्यों जरूरी होता है?
- सिबिल स्कोर से क्रेडिट हिस्ट्री पता चलती है.
- बैंक लोन अप्लाई करने वाले का सिबिल स्कोर देखते हैं.
- आवेदक के लोन बिहेवियर को जांचा जाता है.
- क्रेडिट स्कोर में मौजूदा लोन, बिल का पेमेंट का खाका होता है.
- क्रेडिट स्कोर का दायरा 300 से 900 के बीच होता है.
- 700 या इससे ज्यादा स्कोर हो तो बैंक इसे अच्छा मानते हैं.
क्रेडिट स्कोर का पैरामीटर क्या है?
- बहुत ही अच्छा- 800-850
- बहुत अच्छा- 799-740
- अच्छा- 739-670
- ठीक- 699-580
- बहुत खराब- 579-300
कैसे बिगड़ता है क्रेडिट स्कोर?
- समय पर कर्ज भुगतान न करने पर
- क्रेडिट लिमिट से ज्यादा कर्ज लेने पर
- लोन डिफॉल्ट करने पर
- लोन सेटलमेंट करने पर
- गारंटर बनने पर
कम सिबिल स्कोर है तो क्या होगा?
सिबिल स्कोर अगर कम है तो दिक्कत होगी. पर्सनल या बिजनेस लोन के लिए आवदेन दिया है तो बैंक से लोन मिलने में मुश्किल पेश आएगी. लोन की मंजूरी/नामंजूरी क्रेडिट स्कोर पर निर्भर होती है. कम स्कोर हो तो लोन नामंजूर होने की आशंका ज्यादा होती है. कम स्कोर का असर लोन की रकम पर भी पड़ता है.
सिबिल स्कोर कैसे सुधारें? (How to improve Bad CIBIL Score?)
- जरूरत से ज्यादा और बड़ा लोन नहीं लें.
- EMI समय पर भरें.
- क्रेडिट कार्ड का बिल भरें.
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो कम रखें.
- क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने से बचें.
- पुराना क्रेडिट कार्ड बंद नहीं करें.
- पुराने क्रेडिट कार्ड की पेमेंट हिस्ट्री आएगी काम.
- एलिजिबिलिटी देखने के बाद ही लोन आवेदन दें.
- क्रेडिट स्कोर समय-समय पर चेक करें.
सस्ते होम लोन के टिप्स (Tips for cheaper Home Loan Rate)
- लोन की टर्म एंड कंडीशन पढ़ें.
- प्रोमोशनल ऑफर को अच्छे से समझें.
- आर्थिक स्थिति को आंकें.
- EMI को आय के 30-40% तक सीमित रखें.
- लोन की ऑनलाइन तुलना जरूर करें.
- प्रोसेसिंग फीस के अतिरिक्त चार्ज का पता करें.
कैसे मिलेगा सस्ता कर्ज?
- अच्छा क्रेडिट स्कोर रखें.
- लोन-टू-वैल्यू रेश्यो कम रखें.
- ज्वाइंट होम लोन ले सकते हैं.
ज्वाइंट होम लोन (Joint Home Loan)
- होम लोन में को-एप्लिकेंट जोड़ सकते हैं.
- को-एप्लिकेंट का आय स्थायी, क्रेडिट स्कोर अच्छा हो.
- को-एप्लिकेंट जोड़ने से लोन अप्रूव होने के चांस बढ़ते हैं.
- ज्वाइंट होम लोन पर इनकम टैक्स का फायदा भी मिलता है.
कम लोन-टू-वैल्यू रेश्यो
- कम लोन-टू-वैल्यू रेश्यो लोन के लिए अच्छा होता है.
- घर खरीदने के लिए अपना योगदान ज्यादा रखें.
- कम रेश्यो चुनने से प्रॉपर्टी में खरीदार का योगदान बढ़ता है.
- बैंक का जोखिम कम होता है, लोन अफोर्डिबिलिटी बढ़ती है.
फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो (Fix Obligation to Income Ration)
बैंक ग्राहक का FOIR भी देखते हैं. FOIR का मतलब फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो यानी कि आपकी इनकम कितनी है और किस्त भरने की आपकी क्षमता कितनी है. यानी कि आप हर महीने लोन की कितनी किस्त दे सकते हैं. आपका खर्च सैलरी के 50% के बराबर हो तो लोन रिजेक्ट हो सकता है.
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