RBI बना चुका है Minimum Balance को लेकर नियम, इसी से सरकारी बैंकों ने कमाए ₹5614 करोड़, आप पर तो नहीं लगी पेनाल्टी?
करीब दो महीने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से यस बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. रिजर्व बैंक ने ऐसा इसलिए क्या क्योंकि यस बैंक ने मिनिमम बैलेंस ना रखने पर लोगों पर गलत तरीके से चार्ज लगाकर ये कमाई की थी.
हाल ही में वित्त मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि देश के 11 पब्लिक सेक्टर बैंकों ने FY24 में सेविंग्स बैंक अकाउंट (Savings Bank Account) पर मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) मेंटेन ना करने वालों से 2331 करोड़ रुपये कमाए हैं. अगर बात FY23 की करें तो उस अवधि में बैंकों ने कुल 1855.43 करोड़ रुपये कमाए थे. यानी इन बैंकों की कमाई करीब 25.63 फीसदी बढ़ी है. इन 11 बैंकों ने पिछले 3 सालों में मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना करने वालों से अब तक कुल 5614 करोड़ रुपये कमाए हैं. यहां एक बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसा करना ठीक है या नहीं? आइए जानते हैं मिनिमम बैलेंस को लेकर क्या हैं RBI के नियम.
करीब दो महीने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से यस बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. रिजर्व बैंक ने ऐसा इसलिए क्या क्योंकि यस बैंक ने मिनिमम बैलेंस ना रखने पर लोगों पर गलत तरीके से चार्ज लगाकर ये कमाई की थी. बता दें कि बहुत सारे बैंकों की तरफ से खाते में बैलेंस एक न्यूनतम सीमा (Minimum Balance) से कम होने पर कुछ पेनाल्टी लगाई जाती है. अलग-अलग बैकों के लिए यह चार्ज 400-500 रुपये के बीच रहता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ऐसे खातों से सारे पैसे निकाल लिए जाएं और बैंक पेनाल्टी लगा दे तब तो आपका बैलेंस निगेटिव हो जाएगा. तो क्या किसी का अकाउंट बैलेंस निगेटिव भी जा सकता है? आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या दिए हैं रिजर्व बैंक ने निर्देश?
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार सभी बैकों के लिए ये जरूरी है कि वह सुनिश्चित करें कि किसी भी खाते में मिनिमम बैलेंस ना रखने के चलते पेनाल्टी लगने से बैलेंस निगेटिव ना हो. हालांकि, इसका ये बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि ग्राहक को मिनिमम बैलेंस ना रखने की पेनाल्टी नहीं चुकानी होगी. अब फिर से वही सवाल उठता है कि अगर पेनाल्टी लगेगी तब तो मिनिमम बैलेंस निगेटिव हो जाएगा.
ग्राहकों को सूचित करना है जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे लेकर 20 नवंबर 2014 को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके अनुसार तमाम बैंक ग्राहक की परेशानी और उसके ध्यान ना दे पाने की वजह से उस पर चार्ज नहीं लगा सकते. बैंकों को ग्राहकों को इसकी सूचना तुरंत देनी होगी, जैसे ही खाता मिनिमम बैलेंस से नीचे चला जाए. बैंकों को अपने ग्राहकों को ऐसी स्थिति में लगने वाले चार्ज की सूचना देनी भी जरूरी है, ताकि वह समय रहते जरूरी कदम उठा सके.
बेसिक अकाउंट में बदल देना चाहिए खाता
रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार बैंकों को ऐसे खातों पर पेनाल्टी लगाने के बजाय उस पर दी जाने वाली सुविधाओं को सीमित कर देना चाहिए. साथ ही बैंकों को ऐसे खातों को बेसिक अकाउंट में बदल देना चाहिए. वहीं जब ग्राहक के खाते में बैलेंस फिर से मिनिमम बैलेंस से अधिक हो जाए तो उसे रेगुलर अकाउंट में रीस्टोर कर देना चाहिए.
मिनमम बैलेंस को भी समझ लीजिए
अगर आप किसी भी बैंक में सेविंग्स अकाउंट खोलते हैं तो कुछ बैंक न्यूनतम बैलेंस की एक सीमा रखते हैं. यानी आपको उस खाते में कम से कम उतना पैसा रखना जरूरी है जो तय हुआ है, जैसे 10 हजार रुपये. अगर आपका मिनिमम बैलेंस इससे कम होता है तो आपको पेनाल्टी चुकानी पड़ती है. हालांकि, अगर बैलेंस जीरो हो जाए तो रिजर्व बैंक के नियम के अनुसार उस पर पेनाल्टी नहीं लगाई जा सकती है, क्योंकि इससे खाता निगेटिव हो जाएगा.