केंद्र सरकार ने बैंकों की स्थिति सुधारने की कड़ी में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आईडीबीआई बैंक 9000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है, ताकि बैंक की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में मीडिया को बताते हुए कहा कि आईडीबीआई बैंक सरकारी बैंक था, पिछले साल एलआईसी ने इसके 51 फीसदी शेयर लिए थे. सरकार के पास 49 फीसदी शेयर हैं.

आर्थिक मंदी से जूझ रहे बैंक को मजबूती देने के लिए सरकार ने पुनर्पूंजीकरण यानि रीकैपिटलाइजेशन के लिए 9,000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. इसमें सरकार 4557 रुपये देगी और एलआईसी 4743 करोड़ रुपये देगी.

एलआईसी और आईडीबीआई बैंक के एकसाथ आने से दोनों ही ग्रुप का फायदा हुआ है. बैंक का क्रेडिट रेश्यो 6.22 से लेकर 11.58 फीसदी तक बढ़ गया है. बैंक का एनपीए रेश्यो कम हुआ है. एनपीए रेश्यो 17.3 से घटकर 10.11 फीसदी पर आ गया है. प्रोविजन कवरेज रेश्यो भी 69 फीसदी से बढ़कर 83 फीसदी हो गया है.

IDBI और LIC को फायदा

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 11 लाख एलआईसी के एजेंट 3184 ऑफिस और 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर्स का एक्सेस आईडीबीआई बैंक को मिला है और इससे दोनों ग्रुप को फायदा हुआ. 

 

देखें ज़ी बिजनेस लाइव टीवी

आईडीबीआई बैंक में भी इंश्योरेंस बिक्री की काम शुरू हुआ है. इंश्योरेंस की बिक्री से बैंक ने 250 करोड़ रुपये का प्रीमियम इकट्ठा किया है. अगले का लक्ष्य 2000 करोड़ का प्रीमियम इकट्ठा करने का लक्ष्य है. हाउसिंग लोन, ऑटो लोन के काम भी शुरू हो रहे हैं और इसके लिए 500 करोड़ का बजट रखा गया है.