नकली नोटों से सावधान, नए साल के जश्न में कहीं आपको लग न जाए चूना
गिरोह के सदस्य, रात के समय जब आप जल्दी में होते हैं और आपके पास इतना वक्त नहीं होता कि आप पैसे के लेनदेन के वक्त नोट को ठीक से जांच परख लें, आप को चूना लगा देते हैं.
इस साल अगर आप 31 दिसंबर की शाम नए साल का जश्न मनाने के लिए किसी पब, रेस्तरां या फाइव स्टार होटल में जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो फर्जी नोटों से सावधान रहना. कहीं ऐसा न हो कि रात के अंधेरे में आप जश्न मनाने में मशगूल हों और कोई आपको असली नोट देने के बजाय फर्जी नोट देकर रफूचक्कर हो जाए. दरअसल खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, इन दिनों एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो देश के कई शहरों में फेक करेंसी फैलाने की फिराक में है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर उसके पास से लाखों रुपए की फेक करेंसी बरामद की जिसमें ₹2000 और ₹500 के नकली नोट शामिल हैं. आरोपी पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके का रहने वाला है और उसके पास से बरामद नोटों को देखकर पुलिस को शक है कि शायद झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में इस गिरोह ने नकली नोट छापने की फैक्ट्री खोली हो सकती है.
रात में बनाते हैं शिकार
पुलिस पूछताछ में इस शख्स ने अपने गिरोह के मॉडस ऑपरेंडी (कार्य करने का ढंग) का भी खुलासा किया है. दरअसल, इस गिरोह के सदस्य, रात के समय जब आप जल्दी में होते हैं और आपके पास इतना वक्त नहीं होता कि आप पैसे के लेनदेन के वक्त नोट को ठीक से जांच परख लें, आप को चूना लगा देते हैं.
रात में ऐसे करें पहचान
मुंबई पुलिस के एंटी एक्सटॉर्शन सेल के सीनियर इंस्पेक्टर अजय सावंत ने रात के अंधेरे में भी नोटों को पहचानने का एक आसान तरीका बताया. दरअसल किसी भी नोट के ऊपरी हिस्से में जहां "रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया" लिखा होता है वह कोई आम प्रिंटिंग नहीं है. एक खास किस्म की एमबॉस प्रिंटिंग होने की वजह से आप इस पर मैसेज अपनी उंगलियों को फिराकर पेपर की सतह पर अक्षरों के उठाव को महसूस कर सकते हैं. यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे नेत्रहीन ब्रेल लिपि को महसूस करते हैं. जबकि फेक नोटों की प्रिंटिंग मैं आपको शब्दों का उठाव महसूस नहीं होगा. इस आसान प्रयोग से आप रात के अंधेरे में भी फर्जी नोटों को लेकर धोखा खाने से बच सकते हैं.
बहरहाल मुंबई पुलिस फेक करंसी मामले की तफ्तीश कर रही है और इस गिरोह के बारे में अधिक जानकारी जुटा रही है.
ऐसे पहचानें 500, 2000 के असली नोट
सिक्योरिटी थ्रेड पर भारत, RBI और 2000 लिखा है. नोट को हल्का से मोड़ने पर इस थ्रेड का कलर हरे से बदलकर नीला हो जाता है. तस्वीर में भी आपको दिखेगा कि कैसे नोट का रंग बदल जाएगा. रोशनी में करके इसे ध्यान से देखा जाएगा तो ये साफ-साफ आपको भी नजर आएगा.
महात्मा गांधी का वाटरमार्क असली नोट पर हल्की रोशनी या लाइट की रोशनी में देखने पर साफ दिखेगा. लेकिन नकली नोट में ये वाटरमार्क बनाना संभव नहीं है. इसलिए नकली नोट में ये वाटरमार्क नहीं दिखेगा.
नोट के नीचे की तरफ बाईं ओर एक छोटा सा बॉक्स दिखाई देगा. इस बॉक्स को अलग से डार्क बनाया गया है. नोट हाथ में आने पर आराम से इसे देखा जा सकता है. तस्वीर में देखेंगे तो पता चलेगा कि इसे थोड़ा मोड़ने पर इसमें लिखा नोट का मूल्य दिखाई देगा. जबकि नकली नोट में ये मार्क नहीं दिखाई देगा. साथ ही नकली नोट में ये बॉक्स असली के मुकाबले थोड़ा लंबा नजर आएगा.
(मुंबई से राकेश त्रिवेदी की रिपोर्ट)