जब भी निवेश की बात होती है, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट का नाम जरूर आता है. आज बेशक निवेश के तमाम बेहतरीन ऑप्‍शन मौजूद हैं, लेकिन FD आज भी लोगों के लिए भरोसेमंद जरिया है. खासकर सीनियर सिटीजंस तो निवेश के मामले में एफडी को सबसे बेहतर और भरोसेमंद विकल्‍प मानते हैं. एक्‍सपर्ट्स का भी मानना है कि आप बेशक कई तरह की स्‍कीम्‍स वगैरह में निवेश करें, लेकिन पोर्टफोलियो में FD को शामिल जरूर करें. एफडी के तमाम फायदे हैं. यहां जानिए इसके बारे में.

पहला फायदा

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एफडी पर मिलने वाला पहला फायदा है गारंटी के साथ मिलने वाला रिटर्न. आप चाहे एक साल के लिए एफडी करवाएं, 5 साल के लिए या 10 सालों के लिए, आपको ये मालूम होता है कि आपको इस पर मैच्‍योरिटी के समय कितना पैसा मिलेगा. यही वजह है कि एफडी को सुरक्षित निवेश माना जाता है और आज के समय में निवेश के तमाम विकल्‍प होने के बाद भी लोग बेफिक्र होकर एफडी करवाते हैं.

कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट

एफडी में आप जो भी पैसा निवेश करते हैं, उस पर आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट मिलता है यानी आपके निवेश की गई रकम पर तो ब्‍याज मिलता ही है, साथ ही ब्‍याज पर भी ब्‍याज मिलता है. ऐसे में अगर आप दो, तीन या पांच साल के लिए एफडी करवाते हैं तो अच्‍छा खासा मुनाफा प्राप्‍त कर लेते हैं. 

सीनियर सिटीजंस को ज्‍यादा ब्‍याज

ज्‍यादातर बैंक में सीनियर सिटीजंस को आम लोगों की तुलना में 50 बेसिस प्‍वॉइंट यानी 0.50% ज्यादा ब्याज देते हैं. इसके अलावा कुछ बैंक 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले ‘सुपर सीनियर सिटिजन्स’ को 0.25% का और अतिरिक्त ब्याज देते हैं. ऐसे में सीनियर सिटीजंस के लिए ये फायदेमंद डील है.

लोन की सुविधा

FD की एक खासियत यह भी है कि आप इसके बदले लोन ले सकते हैं. अगर आपको अचानक पैसे की जरूरत आ जाए तो बिना एफडी को तुड़वाए आप इसके बदले लोन ले सकते हैं.  बैंक एफडी की कुल रकम का 90 से 95 फीसदी तक रकम लोन के तौर पर दे देते हैं. अमूमन एफडी की एवज में मिलने वाले लोन पर ब्‍याज एफडी से एक फीसदी अधिक होता है. अगर आप लोन को समय से नहीं चुका पाते तो आपकी एफडी की रकम से उस लोन को कवर कर लिया जाता है.  

टैक्‍स बेनिफिट्स

अगर आप 5 साल या उससे ज्‍यादा समय के लिए एफडी करवाते हो, तो आपको 80सी के तहत टैक्स छूट क्लेम करने का मौका मिलता है. अगर आप 5 साल से कम की एफडी कराते हैं, तो आपको टैक्‍स देना होगा. इसके अलावा अगर पांच साल में से किसी साल में बैंक से मिला ब्याज 40 हजार रुपए से ज्‍यादा हुआ, तो भी आपको टैक्‍स देना पड़ेगा.