सिंगापुर : भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के संकेत दिख रहे हैं लेकिन बुनियादी आधार अभी भी कमजोर बना हुआ है और इसे ‘स्वस्थ स्तर’ पर आने में लंबा वक्त लगेगा. DBS ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी DBS के अनुसार हालिया दो तिमाही में भारतीय बैंकों की आय में सुधार के संकेत दिखे हैं. उनकी परिसंपत्तियों की गुणवत्ता भी हल्की बेहतर हुई है.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर बैंकों का सकल गैर-निष्पादित कर्ज (NPL) कम हुआ है और नया गैर-निष्पादित कर्ज कम बढ़ा है. कुछ बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता आने वाली तिमाहियों में और बेहतर होने की भी संभावना है.

जून-सितंबर तिमाही में देश के दो प्रमुख बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक फिर से लाभ की स्थिति में आए हैं. जबकि इससे पहली तिमाहियों में वे नुकसान में थे. कर्ज की कम लागत से बैंकों के मुनाफे को समर्थन मिला है.

DBS ने अपनी शोध रिपोर्ट में कहा, ‘हमारे नमूनों में सकल एनपीएल का अनुपात 10 प्रतिशत से ऊपर बना हुआ है जबकि उनका पूंजीकरण सिर्फ पर्याप्त स्तर पर बना हुआ है.’