भले ही तकनीक की वजह से हमारी बैंकिंग आसान हो गई है, लेकिन इसके बावजूद कई बार ग्राहकों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि बैंक ग्राहक किसी एटीएम से पैसे निकालने का प्रयास करता है, उसके खाते से पैसे कट भी जाते हैं, लेकिन पैसे निकलते नहीं हैं. ऐसे में कस्टमर के पास इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं होता. लेकिन, इससे जुड़ा नियम आपको बैंक से मुआवजा लेने का हकदार बनाता है.

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आरबीआई ने इस मामले में एक नियम बनाया हुआ है. नियम के मुताबिक, जितने दिन में पैसे आएंगे उतने दिन के हिसाब बैंक आपको रोजाना मुआवजे के तौर पर 100 रुपए अतिरिक्त देगा. 

आपको क्या है करना चाहिए

एक बैंक ग्राहक के तौर पर आपको अपना डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक के पास इसकी शिकायत करनी चाहिए. आपका ट्रांजेक्शन चाहे अपने बैंक के एटीएम से फेल हुआ हो या दूसरे बैंक के एटीएम से, आप अपने बैंक से शिकायत कर अपना पैसा वापस मांग सकते हैं. साथ ही, उस पर मुआवजा भी ले सकते हैं.

क्या है आरबीआई का निर्देश

चूंकि यह पैसा आपको नहीं मिला, ऐसे में यह पैसा आपको वापस आपके अकाउंट में मिलना चाहिए. इसके लिए आरबीआई ने एक समय सीमा भी तय कर रखी है. मई 2011 में आरबीआई की ओर से जारी किए गए निर्देश के अनुसार, ऐसी शिकायत मिलने के सात कार्यदिवसों (वर्किंग डेज) के भीतर बैंक को उस कस्टमर के खाते में पैसे वापस कर देने होंगे. मई 2011 के इस निर्देश के पहले यह अवधि 12 दिन थी.

क्या करना होगा

  • बैंक से पेनल्टी पाने के लिए आपको ट्रांजेक्शन फेल के बाद 30 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करानी होगी.
  • आपको ट्रांजेक्शन की पर्ची या अकाउंट स्टेटमेंट के साथ अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी.
  • आपको बैंक के अधिकृत कर्मचारी को अपने एटीएम कार्ड का डिटेल्स देनी होंगी.
  • अगर 7 दिनों के भीतर आपका पैसा वापस नहीं आता तो आपको एनेक्शर-5 फॉर्म भरना होगा.
  • जिस दिन आप ये फॉर्म भरेंगे आपकी पेनल्टी उसी दिन से चालू हो जाएगी.

पैसे वापसी के साथ जुर्माना भी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश हैं कि बैंकों को जुर्माने की रकम ग्राहक के खाते में खुद डालनी होगी. इसके लिए ग्राहक की ओर से दावा ठोकने की जरूरत नहीं होगी. खास बात यह है कि जिस दिन फेल्ड ट्रांजेक्शन के पैसे वापस होंगे. उसी दिन जुर्माने की रकम भी अकाउंट में क्रेडिट करनी होगी.

100 रोजाना के हिसाब से जुर्माना

नियम के मुताबिक, अगर बैंक शिकायत करने के 7 दिन के भीतर भुगतान नहीं करता तो हर दिन रुपए के हिसाब से जुर्माना ग्राहक को देना होगा. अगर बैंक आपका पैसा समय पर वापस नहीं करता तो आप बैंक से जुर्माना वसूलने के हकदार हैं.