Bank Paid Services: बैंक में अक्सर कई लोगों को कई तरह के काम होते हैं. इन काम में लेन-देन से लेकर बैंक के फ्री एटीएम कार्ड, चेक बुक इश्यू कराना जैसे तमाम काम शामिल हो सकते हैं. बैंक अपने ग्राहकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन (Online & Offline Bank Service) दोनों तरह की सर्विस देता है लेकिन कुछ सर्विस ऐसी होती हैं, जिनके लिए बैंक अपने ग्राहकों से चार्ज करता है. यानी कि कुछ सर्विस का फायदा उठाने के लिए ग्राहकों को बैंक को पैसा देना होता है. अगर आपके पास भी बैंक का खाता है तो आपको उन सर्विस के बारे में पता होना चाहिए, जिन पर बैंक आपसे पैसा वसूलती है. 

इन सर्विस पर नहीं लगता चार्ज

बैंक की ओर से कुछ सर्विस ऐसी भी दी जाती हैं, जिन पर सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता. लेकिन कुछ सर्विस ऐसी भी होती हैं, जिन पर सर्विस चार्ज लिया जाता है. बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को फ्री एटीएम कार्ड, चेकबुक और ऑनलाइन सर्विस सेवाएं मुफ्त में देती हैं.

इन सेवाओं के लिए लगता है चार्ज

  • खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने पर लगती है पेनाल्टी
  • डेबिट कार्ड के लिए सालाना फीस देनी होती है
  • बार-बार चेक बुक जारी करने या चेक के बाउंस होने पर फीस ली जाती है
  • नगदी निकासी और जमा पर राशि के हिसाब से चार्ज देना पड़ता है
  • कैश डिलिवरी जैसे होम बैंकिंग सर्विस के लिए देना होता है शुल्क
  • लोन लेने पर प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन चार्ज, एप्लीकेशन फीस और लीगल चार्ज देने पड़ते हैं
  • लॉकर की सुविधा लेने पर भी बैंक को चार्ज देना पड़ता है
  • डेबिट कार्ड से विदेशों में पेमेंट करते हैं तो चार्ज देना पड़ता है
  • डिमांड ड्राफ्ट बनवाने और ज्यादा पन्नों की चेकबुक देने के लिए देना होता है चार्ज