बैंक लॅाकर्स में लोग अक्सर अपना जरुरी सामान जैसे कि गहनें, प्रॅापर्टी के पेपर्स रखते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2021 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इस नोटिफिकेशन में बैंक लॅाकर्स से जुड़े नियमों में फेरबदल के बारे में बताया गया है. नए नियम इस साल जनवरी से लागू हो गए हैं. आरबीआई की तरफ से ये बदलाव लोगों की कीमती संपत्ति को चोरी और धोखाधड़ी से बचाने का लिए किया गया है. बैंक लॅाकर्स को लेकर कस्टमर्स की तरफ से चोरी की कम्प्लेंट आती रहती है. कई मामलों में तो बड़ी मशक्कत करने के बाद भी चोरी किया गया सामान नहीं मिलता. इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को बैंक लॅाकर्स से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव करने पड़े. नए नियमों के मुताबिक अगर आपके बैंक लॅाकर से सामान चोरी हो जाता है तो इसके लिए बैंक जिम्मेदार रहेगा. इस पर जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है.  आइये जानते हैं bank locker से जुड़े ऐसे ही बाकि नियमों के बारे में.

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क्या हैं नए नियम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए बैंक लॅाकर नियमों के अनुसार किसी भी तरह के फ्रॅाड से बचने के लिए अब आपको अपने लॅाकर को एक्सेस करने पर नेटिफिकेशन मिलेगा. ये नोटिफिकेशन एसएमएस और ई-मेल के जरिए आप तक पहुचेगा. इसके साथ ही बैंक आपसे ज्यादा से ज्यादा 3 साल तक का मेंटेनेंस रेंट ले सकता है. आरबीआई ने लॅाकर रुम के अंदर की आवाजाही को सीसीटीवी कैमरा के जरिए मॉनिटर  करना अनिवार्य कर दिया है. 

एडवांस लेने से जुड़े नियम 

RBI के नए नियमों के मुताबिक अब बैंकों को खाली पड़े लॅाकरों के बारे में ग्राहकों को बताना होगा. इसके साथ ही बैंक लॅाकर के लिए 3 साल से ज्यादा का एडवांस नहीं ले सकते. साथ ही कस्टमर्स लॅाकर लेना चाहते हैं तो उनको टर्म डिपॉजिट  पे करना होगा जो लॅाकर के तीन साल के किराए के बराबर ही होगा. 

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CCTV फुटेज से जुड़े नियम 

लॅाकर की सीसीटीवी फुटेज 6 महीने तक सिक्योर करके रखी जाएगी. लॅाकर में चोरी होने पर पुलिस इन फुटेज को एक्सेस कर सकेगी. पहले की स्थिति में अगर आपके बैंक लॅाकर से सामान की चोरी हो जाती थी तो इसके लिए बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते थे. साथ ही ग्राहक को भी कोई मुआवजा नहीं मिलता था. लेकिन आरबीआई के अनुसार नए नियमों के मुताबिक अगर ग्राहक के बैंक लॅाकर में चोरी, आग से नुकसान, डकैती या कोई हादसा होता है तो बैंक कस्टमर्स को लॅाकर के रेंट का 100 गुना मुआवजा देगा. इसके साथ ही बैंक को अपने ग्राहक के साथ पारदर्शिता भी रखनी होगी. बैंक अब लॅाकर में चोरी या कोई अनहोनी होने की स्थिति में कस्टमर्स से जानकारी नहीं छिपा सकते.