AU Small Finance Bank Merger: स्मॉल फाइनेंस बैंक सेगमेंट में बड़ा बैंक AU Small Finance Bank, Fincare Small Finance Bank का अधिग्रहण कर रहा है, जिसके बाद दोनों बैंकों का विलय हो जाएगा. दोनों बैंकों के बोर्ड ने विलय को मंजूरी दे दी है. ये डील 1 फरवरी, 2024 तक पूरी होगी. इसके बाद ये  फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक का हिस्सा बन जाएगा. अभी इस अधिग्रहण को शेयरहोल्डर्स, RBI, कॉम्पटिशन कमीशन ऑफ इंडिया की मंजूरी लेनी होगी. बैंकों की ओर से बताया गया है कि डील पूरी होने के बाद दोनों बैंकों के मिलाकर 98 लाख ग्राहक और 43,000 कर्मचारी होंगे.

ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?

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खैर, बैंकों में जो बदलाव होगा वो तो होगा, लेकिन यहां सवाल है कि दोनों बैंकों के ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा. जब भी कोई बैंक मर्ज या होता है, तो इसके साथ ग्राहकों के लिए कई बदलाव आते हैं. सबसे जरूरी है अपने बैंक से लगातार कनेक्ट रहना और अपडेट लेते रहना कि आने वाले महीनों में आपके लिए क्या-क्या चीजें नई होने वाली हैं. आइए जानते हैं-

1. डेबिट/क्रेडिट कार्ड (Debit/Credit Cards)

दोनों बैंकों के ग्राहकों को अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड बदलवाने पड़ सकते हैं. हालांकि, कुछ समय तक आपको अपना कार्ड इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती रहेगी. कार्ड बदलने की जरूरत तब पड़ सकती है, जब बैंक का नाम बदल रहा होगा, खासकर इसका असर छोटे बैंक के कस्टमर्स पर ज्यादा पड़ सकता है.

2. कार्ड मैंडेट (Card Mandate)

अगर आपने कार्ड को ऑटो-डेबिट मोड पर डाल रखा है तो इसपर भी असर पड़ सकता है. आपने कई ट्रांजैक्शन के लिए जो बैंक अकाउंट और IFSC Code दे रखा होगा, तो इसमें बदलाव आ सकता है.

3. चेकबुक (Chequebook)

अगर मर्जर के बाद बैंक का नाम चेंज होता है तो दोनों बैंक के ग्राहकों को अपना चेकबुक चेंज कराना होगा. लेकिन अगर बस छोटा बैंक, बड़े बैंक में मर्ज होता है और बड़े बैंक के नाम में कोई बदलाव नहीं आता है तो बस छोटे बैंक के ग्राहक को अपना चेकबुक बदलना होगा.

4. इंटरेस्ट रेट (Interest Rate)

अगर आपने बैंक के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट करा रखा है, या फिर लोन ले रखा है तो आपको ये भी देखना होगा कि अब नई एंटिटी क्या पुराने इंटरेस्ट रेट ही रखती है, या आपका पुराना वाला इंटरेस्ट रेट ही लागू रहेगा.

5. डिपॉजिट इंश्योरेंस (Deposit Insurance)

अगर आप ऐसे ग्राहक हैं, जिसका अभी तक इन दोनों बैंकों में अकाउंट था और आपको दोनों पर 5 लाख रुपये का अलग-अलग डिपॉजिट इंश्योरेंस मिल रहा था, तो अब आपको बस एक ही अकाउंट पर यानी बस 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलेगा.