सरकारी बैंक इलाहाबाद बैंक को वित्त वर्ष 2019-20 में कारोबार में 9 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है और बैंक का जोर करेंट अकाउंट और सेविंग्स अकाउंट्स (सीएएसए) आधार के समेकन पर और खुदरा क्षेत्र पर निर्भरता बढ़ाने पर है. बैंक की नवीनतम सालाना रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. पिछले वित्त वर्ष के अंत तक बैंक के पास कुल जमा 2,14,335 करोड़ रुपये थे, जोकि साल-दर-साल आधार पर 0.34 फीसदी की वृद्धि दर है.

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रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च के अंत तक बैंक के सीएएसए जमा की हिस्सेदारी बढ़कर 49.49 फीसदी हो गई, जो कि एक साल पहले की तुलना में 46.50 फीसदी अधिक है. मार्च तक बैंक की थोक जमा राशि साल-दर-साल आधार पर 3,247 करोड़ रुपये से 43.87 फीसदी घटकर 1,823 करोड़ रुपये रही.

इसी तरह से बैंक के सीएएसए जमा पर जोर देने के कारण वित्त वर्ष 2018-19 में इसमें साल-दर-साल आधार पर 7.77 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि सेविंग्स एकाउंट में 6.89 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक का सीआरएआर 12.51 फीसदी रहा. 

बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. एस. मल्लिकार्जुन राव ने कहा, "वित्त वर्ष 20 के दौरान बैंक कारोबार में अच्छी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है. वहीं, हम मध्यम स्तर के स्लिपेज की उम्मीद करते हैं, जो कि करीब 1 फीसदी तिमाही होगी."