ड्रोन उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, भारत में इससे जुड़े कारोबार को लगेंगे पंख
नैनो से ऊपर के स्तर के ड्रोन को उड़ाने के लिए ड्रोन्स, ऑपरेटर्स और पायलट को डिजिटल स्काई पोर्टल पर पंजीकरण करने की जरूरत है.शनिवार को नागरिक विमानन नियम लागू हो गए हैं.
नागरिक विमानन मंत्रालय ने शनिवार को ड्रोन्स और उसके ऑपरेटर्स के पंजीकरण लिए 'डिजिटल स्काई प्लेटफार्म' लॉन्च किया. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत में नैनो ड्रोन्स अब तुरंत प्रभाव से कानूनी रूप से उड़ाए जा सकते हैं, क्योंकि शनिवार को नागरिक विमानन नियम लागू हो गए हैं. बयान में कहा गया, "नैनो से ऊपर के स्तर के ड्रोन को उड़ाने के लिए ड्रोन्स, ऑपरेटर्स और पायलट को डिजिटल स्काई पोर्टल पर पंजीकरण करने की जरूरत है."
समय और गंतव्य की जानकारी
बयान में कहा गया कि इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स का पंजीकरण शुरू हो गया है. अनमैन्ड एरियल ऑपरेटर्स परमिट (यूएओपी) और यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) के भुगतान भारत कोष पोर्टल (भारतकोष डॉट गॉव डॉट इन) पर स्वीकार किए जाएंगे. रिमोटली पायलेटेड एरियल प्रणाली (आरपीएएस) उडा़न की अनुमति के ऑपरेटर्स या रिमोट पायलट्स को फ्लाइट प्लान दाखिल करना होगा. 'ग्रीन जोन्स' में उड़ान के लिए केवल पोर्टल या ऐप पर केवल समय और गंतव्य की जानकारी देनी होगी.
रेड जोन्स' में उड़ान की अनुमति नहीं
'येलो जोन्स' में उड़ान के लिए पहले अनुमति लेनी होगी और 'रेड जोन्स' में उड़ान की अनुमति नहीं दी जाएगी. बयान में कहा गया, "तीनों जोन्स की घोषणा जल्द की जाएगी और उड़ान की अनुमति डिजिटल तरीके से पोर्टल पर उपलब्ध होगी." नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, "भारत इस क्षेत्र का नेतृत्व करेगा और दुनिया के देशों के साथ मिलकर मानक तैयार करेगा. इस उद्योग में मेक इन इंडिया और भारत से ड्रोन और सेवाओं के निर्यात की विशाल क्षमता है."
400 फीट तक उड़ा सकते हैं ड्रोन
सरकार के नियम के मुताबिक, ड्रोन को अधिकतम 400 फीट तक उड़ाया जा सकेगा. लेकिन, ड्रोन आपको दिखते रहना चाहिए. मतलब ड्रोन को ऐसी जगह पर फिलहाल भेजने की इजाजत नहीं होगी जो पायलट की आंखों के रेंज से बाहर हो. सभी असैन्य ड्रोन परिचालन को सिर्फ दिन के समय के लिए सीमित रखा जाएगा.
(इनपुट एजेंसी से)