देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस (LCA) में  बंगलुरू स्थित HAL के हवाईअड्डे से गुरुवार को उड़ान भरी. उड़ान के पहले भारतीय वायु सेना (IAF) के अधिकारियों ने इस विमान की बारीकियों के बारे में रक्षा मंत्री को बताया.
 
फाइटर पायलट की ड्रेस में नजर आए रक्षा मंत्री
रक्षामंत्री रजानाथ सिंह पूरी तरह से एक फाइटर पायलट की ड्रेस में इस विमान में सवार हुए. तेजस को हिन्दुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है. भारतीय वायुसेना तेजस विमानों की एक फ्लीट को पहली ही अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है. तेजस को डीआरडीओ की ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन किया है.
 
1983 में बनना शुरू हुआ था ये विमान
तेजस लड़ाकू विमानों को बनाने का काम 1983 में शुरू किया गया था. हालांकि इस विमान का काम काफी समय तक लटका रहा. 10 साल बाद 1993 में दुबारा इस विमान को बनाने का काम HAL ने शुरू किया.
 
हल्का होने के साथ दुश्मन के लिए घातक है ये विमान
तेजस लड़ाकू जहाजों की सबसे बड़ी खूबी इसका हल्का होना है. इस विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना हुआ है. इसीलिए इसका विमान इसी के तरह के किसी दूसरी विमान से कम है. हल्का होने के बावजूद भी यह अन्य विमानों के मुकाबले काफी मजबूत है. ये विमान अचूक निशाना लगाने और हथियार गिराने में सक्षम है. इस विमान को हवा से हवा और हवा से जमीन दोनो तरह से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है.
 
 
 
ये हैं इस विमान की खूबियां
  • तेजस को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है ताकि ये मिग 21 विमानों की जगह ले सके
  • तेजस पाकिस्तान के जेएच- 17 विमानों से बहुत हल्का है. ऐसे में इसकी मारक क्षमता बढ़ जाती है.
  • एक तेजस विमानों को बनाने में लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
  • तेजस का वजन 12 टन है और इसकी लम्बाई लगभग 13.2 मीटर है.
  • इसकी अधिकतम रफ्तार 1350 किलोमीटर प्रति धंटा है.
  • LCA में आर 73 एयर टू एयर मिसाइल, लेजर गाइडेड मिसाइल और मेक इन इंडिया के तहत बनी अस्त्र मिसाइल लगती है.
  • तेजस मल्टी रोल विमान है. कुल 80 तेजस विमान वायुसेना में शामिल होंगे.