Noida International Airport: नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास कार्य तय समय के अनुसार चल रहा है और स्वीकृत बजट के भीतर 2024 के अंत तक इसे तैयार कर लिया जाएगा. परियोजना के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. यह नया एयरपोर्ट दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में बन रहा है. स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी (ZIA) ने एयरपोर्ट के डिजाइन, निर्माण और 40 साल तक ऑपरेशन का ठेका हासिल किया है. NIA उत्तर प्रदेश सरकार की एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी की परियोजना है. इसकी कार्यान्वयन एजेंसी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) है. यह जेडआईएए की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है.

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वाईआईएपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने ग्रेटर नोएडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हम रियायत समझौते के नियमों और शर्तों के अनुसार परियोजना को समय पर पूरा करेंगे.’’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने 5,730 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है और हमें स्वीकृत बजट के भीतर एयरपोर्ट को तैयार कर लेने की उम्मीद है.’’ श्नेलमैन से पूछा गया था कि कोविड-19 महामारी और इंफ्लेशन को देखते हुए क्या इस परियोजना की लागत में बढ़ोतरी होगी.

परियोजना की सफलता को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में एनआईए की मुख्य संचालन अधिकारी किरण जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आबादी बहुत अधिक है और इसलिए यहां एक दूसरे इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एनआईए के साथ काम करने के लिए एयरलाइंस, कार्गो ऑपरेटर के साथ ही रखरखाव, मरम्मत और दूसरे काम करने वाली कंपनियां बहुत पॉजिटिव हैं.

सीएम योगी ने किया था हाल ही में निरीक्षण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सितंबर में यहां निरीक्षण के लिए आए थे. उन्होंने काम तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए थे. अक्टूबर में जेवर हवाई अड्डा भूमि अधिग्रहण मामले पर उन्होंने किसानों के एक समूह को आश्वासन दिया था कि एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए आपसी सहमति से तय मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने उनके आधिकारिक आवास पर मिलने आए जेवर के किसानों के समूह से कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि राज्य के किसान खुश रहें और जो विस्थापित हुए हैं उनका उनकी इच्छित जगह पर पुनर्वास किया जाना चाहिए. एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए राज्य सरकार ने 3,300 एकड़ जमीन ली है.

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