Long Pilot Working Roster: फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने उड़ान ड्यूटी और आराम की अवधि से संबंधित संशोधित मानदंडों को लागू करने की मांग की है. FIP ने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को लिखे लेटर में पायलटों को होने वाली थकान पर चिंता जताते हुए संशोधित मानदंडों को तत्काल क्रियान्वित करने की जरूरत बताई है. पायलटों के समूह एफआईपी के 6,000 से अधिक सदस्य हैं. 

पायलटों के थकान का उठाया मुद्दा

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FIP ने इससे प़हले भी सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को संशोधित सिविल एविएशन आवश्यकता (CAR) पर पत्र लिखा था, क्योंकि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इसके क्रियान्वयन को टाल दिया था. उड़ान ड्यूटी समयसीमा से संबंधित संशोधित सीएआर पायलट की थकान पर बढ़ती चिंताओं के बीच उन्हें आराम के लिए अधिक समय देने से संबंधित है. मार्च में डीजीसीए ने इसके क्रियान्वयन को स्थगित करने का निर्णय लिया था. 

सिविल एविएशन मिनिस्टर के राममोहन नायडू को लिखे पत्र में FIP अध्यक्ष सी एस रंधावा ने उनसे संशोधित सीएआर को जल्द से जल्द लागू करने के लिए डीजीसीए को निर्देश देने का अनुरोध किया है. 

पैसेंजर्स की सुरक्षा का भी है सवाल

पत्र में सीएआर के क्रियान्वयन को स्थगित करने के नियामक के कदम का जिक्र करते हुए कहा गया है, "...DGCA की कार्रवाई न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करती है."

29 जुलाई को लिखे पत्र में यह भी दावा किया गया है कि थकान के मुद्दे की गंभीरता को पहचानने में नियामक की विफलता न केवल पायलटों बल्कि हवाई यात्रा करने वाले आम लोगों की सुरक्षा से भी समझौता करने जैसा है. DGCA ने 26 मार्च को सीएआर के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया था. पहले इसे एक जून से लागू किया जाना था. 

क्या है फाउंडेशन की मांग

रेगुलेटर द्वारा इससे करीब दो सप्ताह पहले एयरलाइन कंपनियों से कहा गया था कि इस समयसीमा को टाला नहीं जाएगा. पिछले महीने, एनजीओ सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन के एक अध्ययन में कहा गया था कि लगातार रात की उड़ानें, 10 घंटे से अधिक की उड़ान ड्यूटी अवधि और रोस्टर में बदलाव पायलट की थकान के प्रमुख कारकों में से हैं.