25 साल तक 'आसमान की रानी' रही ये एयरलाइन अब कभी नहीं भर पाएगी उड़ान! जानें कैसे 'क्रैश' हुई Jet Airways की उड़ान
Jet Airways Crisis History: एक समय में भारतीय आसमान की रानी कहलानी वाली एयरलाइन कंपनी Jet Airways ने करीब 25 साल तक उड़ान भरने के बाद 5 साल पहले अपना ऑपरेशन बंद कर दिया. अब ये एयरलाइन कभी आसमान में नहीं उड़ पाएगी.
Jet Airways Crisis History: एक समय में भारतीय आसमान की रानी कहलानी वाली एयरलाइन कंपनी Jet Airways ने करीब 25 साल तक उड़ान भरने के बाद 5 साल पहले अप्रैल के महीने में अस्थायी रूप से अपनी सेवाओं को बंद करने का ऐलान किया था. कैश की संकट की वजह से एयरलाइन ने ये कदम उठाया था. अब सुप्रीम कोर्ट के एयरलाइन के परिसमापन के आदेश के बाद इसके फिर से उड़ान भरने की संभावना पूरी तरह समाप्त हो गई है.
20 हजार नौकरियां गई
जेट एयरवेज का परिचालन ठप होने के बाद से करीब 20,000 से अधिक नौकरियां जा चुकी हैं और ऋणदाताओं, विक्रेताओं और यात्रियों का हजारों करोड़ रुपये का बकाया दिवाला समाधान की प्रतीक्षा में ‘डूब’ गया है. अब सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दे दिया, जिससे एयरलाइन के अस्त-व्यस्त सफर का औपचारिक समापन हो गया तथा पुनरुद्धार की उम्मीदें भी चकनाचूर हो गईं.
कब उड़ी थी जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान
जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान एस2-3502 अमृतसर से 17 अप्रैल, 2019 को रात करीब 10.30 बजे रवाना हुई और 18 अप्रैल को तड़के 12.22 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी.
एयरलाइन के पास था 120 विमानों का बेड़ा
जेट एयरवेज (Jet Airways) की किफायती इकाई जेटलाइट ने बोइंग 737-800 विमान के साथ उड़ानों का संचालन किया, जिसे बाद में किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट ने पट्टे पर ले लिया. अपने परिचालन के चरम के दौरान जेट एयरवेज के पास 120 से ज़्यादा विमान थे. बढ़ते कर्ज और कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं होने के चलते जब एयरलाइन ने परिचालन बंद किया था तो उसके पास अपने खुद के 16 विमान थे.
टिकट एजेंट के तौर पर शुरू हुआ था करियर
नरेश गोयल द्वारा स्थापित इस एयरलाइन ने ढाई दशक से अधिक समय तक करोड़ों यात्रियों को सेवा प्रदान की है. गोयल ने यात्रा एजेंसी जेटएयर के साथ कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन के लिए एक सामान्य बिक्री एजेंट के रूप में शुरुआत की थी.
जेट एयरवेज भी भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रमुख निजी एयरलाइन में से एक थी, लेकिन वित्तीय संकट के कारण इसका पतन शुरू हो गया. एयरलाइन ने अपनी यात्रा एक एयर टैक्सी परिचालक के रूप में मुंबई से अहमदाबाद तक सेवा के साथ शुरू की थी. अपने चरम पर इसमें लगभग 1,300 पायलट समेत लगभग 20,000 कर्मचारी थे.
एयरलाइन पर 8,500 करोड़ रुपये का बकाया
साल 2019 में परिचालन को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा के समय जेट एयरवेज के पास 20,000 से अधिक कर्मचारी थे. उस समय कंपनी पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक बकाया था. इसके अलावा एजेंट और यात्री रिफंड के हजारों करोड़ रुपये बकाया थे.
जेट एयरवेज द्वारा 17 अप्रैल, 2019 को परिचालन बंद करने के कुछ सप्ताह बाद ऋणदाताओं ने अपना बकाया वसूलने के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया की मांग की. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने 20 जून, 2019 को एयरलाइन के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को स्वीकार कर लिया.
जालान कलरॉक गठजोड़ नहीं आया काम
जालान कलरॉक गठजोड़ (JKC) 2021 में दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत जेट एयरवेज के सफल बोलीदाता के रूप में उभरा, लेकिन ऋणदाताओं के साथ लगातार मतभेदों के परिणामस्वरूप समाधान योजना धरी की धरी रह गई.
बृहस्पतिवार को सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के आदेश को रद्द करते हुए एयरलाइन की दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी. एनसीएलएटी ने कहा कि उसने भुगतान दायित्वों का पूर्णतः पालन किए बिना ही जेकेसी को जेट एयरवेज का अधिग्रहण करने की अनुमति दे दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया आदेश
परिसमापन के अलावा, सर्वोच्च न्यायालय ने सफल बोलीदाता जेकेसी द्वारा डाले गए 200 करोड़ रुपये जब्त करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने एसबीआई के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं को 150 करोड़ रुपये की निष्पादन बैंक गारंटी भुनाने की भी अनुमति दी है.
अदालत ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई और अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया. एनसीएलएटी ने जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखा था. एयरलाइन के ठप होने के इतने वर्षों के बाद जो कुछ बचा है वह है... बाधित आजीविका, बकाया राशि का भुगतान न होना और धूल खाते हुए जेट एयरवेज की छवि वाले कुछ विमान....