आर्थिक दिक्कतों से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुसीबतें रविवार को कुछ कम हुईं. कंपनी के पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने विमान नहीं उड़ाने के अपने आह्वान को 15 अप्रैल तक टाल दिया. इससे यात्रियों को भी 15 अप्रैल तक परेशानी का सामना नहीं करना होगा. यानी फ्लाइट कैंसिल या देरी से उड़ान नहीं भरेंगे. गिल्ड के एक सूत्र ने बताया कि सदस्यों ने दिल्ली और मुंबई में हुई एक खुली बैठक में यह निर्णय लिया. गिल्ड कंपनी के कुल 1,600 पायलटों में से करीब 1,100 पायलटों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है. गिल्ड ने कहा था कि पायलटों के बकाए वेतन का भुगतान नहीं होने तथा 31 मार्च तक वित्तपोषण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर सदस्य पायलट 1 अप्रैल से उड़ान नहीं भरेंगे.

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जेट एयरवेज पिछले साल अगस्त से पायलटों समेत इंजीनियरों और प्रबंधन के वरिष्ठ कार्यकारियों का वेतन भुगतान करने में असफल रही है. इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर्ज देने वाले बैंकों का समूह भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व प्रमुख ए. के. पुरवार को अंतरिम प्रबंधन समिति का चेयरमैन बनाने पर विचार कर रही है. अधिकारी के अनुसार पुरवार को शीघ्र ही नियुक्त किये जाने की उम्मीद है. 

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पुरवार 2002 से 2006 तक भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रहे हैं. इसके साथ ही अधिकारी ने बताया कि जेट एयरवेज के ऋणदाता बैंक और संस्थान एयरलाइन के लिये नया निवेशक ढूंढने के वास्ते एसबीआई कैपिटल को सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं. उल्लेखनीय है कि स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के समूह ने 25 मार्च को वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के लिये समाधान योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत एयरलाइन में 1,500 करोड़ रुपये की त्वरित सहायता योजना को मंजूरी दी थी.