भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि उसे कर्ज संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के लिये निवेशक या खरीदार मई अंत तक मिलने की उम्मीद है. कंपनी के प्रवर्तक नरेश गोयल के पास संकट में फंसी एयरलाइन में भविष्य में अपनी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से आगे बढ़ाने का विकल्प होगा. 

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एसबीआई की अगुवाई में बैंकों का समूह कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिये 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी तत्काल डालने पर सहमत हुआ है. इसके लिये 11.4 करोड़ नये शेयर जारी किये जाएंगे. इसके परिणामस्वरूप नरेश गोयल की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ जाएगी. वहीं अबू धाबी के एतिहाद एयरवेज की हिस्सेदारी 24 प्रतिशसत घटकर 12 प्रतिशत पर आ जाएगी.

समाधान योजना के तहत नये निवेशकों को बेचने के लिये बैंक समूह बोली प्रक्रिया शुरू करेगा और जून तिमाही में इसके पूरा होने की उम्मीद है.

एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने एक निजी टीवी न्यूज चैनल को बताया कि जून तक काफी देर होगी. मेरे हिसाब से 31 मई तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी ... बाजार हर किसी के लिये खुला है. जो भी आना चाहे आ सकता है. इसके लिये रूचि पत्र आमंत्रित किया जाएगा जिसे नौ अप्रैल तक जारी किया जायेगा जबकि बाध्यकारी बोली 30 अप्रैल तक सौंपी जा सकेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘ये वित्तीय निवेशक हो सकते हैं. यह एयरलाइन हो सकती हैं... इसमें नरेश गोयल या एतिहाद भी शामिल हो सकती है. बोली के लिये या एयरलाइन को नियंत्रण में लेने के लिये किसी पर भी पाबंदी नहीं है.’’ 

एसबीआई की अगुवाई वाले कर्जदाता समूह द्वारा तैयार समाधान योजना के तहत जेट एयरवेज में हिस्सेदारी घटकर 25 प्रतिशत पर आने से उसके संस्थापक और चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल एयरलाइन के निदेशक मंडल से हटेंगे.

वित्तीय संकट के चलते जेट एयरवेज के 80 से ज्यादा विमान खड़े हो चुके हैं. कई सप्ताह के अटकलों के बाद आखिर आज कर्जदाता समूह ने एयरलाइन के दैनिक कामकाज को देखने, नकदी प्रवाह की निगरानी और संचालन के लिये एक अंतरिम प्रबंधन समिति के गठन को मंजूरी दे दी.