नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया सोमवार यानी 8 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि बोली दस्तावेज को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है. भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 26 बैंकों के समूह ने जेट एयरवेज की ऋण पुनर्गठन योजना के तहत उस पर प्रबंधकीय नियंत्रण स्थापित किया है. इस समूह ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा था कि जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया 6 अप्रैल को शुरू की जाएगी.

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सूत्रों ने बताया, ‘‘अब जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बिक्री के लिए आशय पत्र 8 अप्रैल को जारी किया जाएगा.’’ पहले बोलियां जमा कराने की आखिरी तारीख 9 अप्रैल थी लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी कि इसे भी बढ़ाकर अब 10 अप्रैल कर दिया गया है. कंपनी की ऋण समाधान योजना को उसके निदेशक मंडल ने 26 मार्च को मंजूरी दी थी.

इसके तहत कंपनी में बैंक बहुलांश हिस्सेदारी लेकर 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. इसके अलावा कंपनी के संस्थापक और प्रवर्तक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को निदेशक मंडल से बाहर जाना होगा. गोयल की कंपनी में हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह जाएगी.

इस नकदी संकट की वजह से कंपनी को पट्टे पर लिए अपने विमानों का किराया चुकाने, कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी के अधिकतर विमान वर्तमान में इसकी वजह से परिचालन से बाहर हैं. 

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पिछले हफ्ते बैंकों के समूह ने अपने बयान में कहा था कि कंपनी की हिस्सेदारी बिक्री के प्रयासों का परिणाम इसमें रुचि लेने वाले पक्षों पर निर्भर करेगा. यदि इनका परिणाम अपेक्षित नहीं होता है तो अन्य विकल्पों पर विचार किया जाएगा.