एयरलाइन कंपनियों के वैश्विक संगठन आईएटीए के मुताबिक अगले दो दशक तक दुनियाभर में हवाई यात्रियों की संख्या में होने वाले इजाफे में करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत और चीन की होगी. भारत में विमान से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और पिछले पांच साल से सर्वाधिक वृद्धि वाले विमानन बाजारों में शामिल है. हालांकि उड़ानों को रद्द किये जाने और पूर्ण सेवा प्रदाता जेट एयरवेज की सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित किये जाने के बाद अप्रैल में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी.

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अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन पियर्स ने कहा कि भारतीय बाजार में दर्ज की गयी नकारात्मक वृद्धि अस्थायी थी लेकिन बाजार का विस्तार होगा क्योंकि भारतीय अब ज्यादा-से-ज्यादा यात्रा करना चाहते हैं. आईएटीए के वार्षिक आम बैठक में संगठन के महानिदेशक और सीईओ एलेक्जेंडर डि ज्यूनियाक ने कहा कि विकासशील देशों में यात्रियों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज किये जाने की संभावना है.

उन्होंने कहा, 'अगले दो दशक तक यात्रियों की संख्या में होने वाली वृद्धि में अकेले भारत और चीन की हिस्सेदारी 45 फीसदी की होगी. आने वाले समय में सभी पेशे से जुड़े लोग विमान यात्रा करेंगे.'