पिछले करीब एक सप्ताह में भारतीय एयरलाइंस कंपनियों की करीब 100 उड़ानों में बम रखे होने की धमकियां मिली हैं. अब एविएशन सचिव, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) और डायरेक्टर जनरल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि सभी एजेंसियां, एयरलाइंस, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और गृह मंत्रालय लगातार संपर्क में हैं. नागर विमानन मंत्री के.राममोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि विमानों में बम रखे होने की धमकियों की घटनाओं से निपटने के लिए सरकार विधायी कार्रवाई की योजना बना रही है जिनमें ऐसी धमकी देने वालों के नाम ‘उड़ान-निषिद्ध’ सूची में डालना शामिल है.

एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रूल्स में हो सकता है संशोधन

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने कहा, 'एयरलाइंस के साथ भी चर्चा हुई है. स्थिति को देखते हुए दो विशेष क्षेत्रों पर काम जारी है. इसके अलावा एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रूल्स में संशोधन करने पर विचार किया जा रहा है. इसके साथ ही अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर नियमों में बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं. सभी नियम अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार होते हैं. गृह मंत्रालय के साथ उनको अपडेट करने पर चर्चा की जा रही है.'

इनफ्लाइट और ग्राउंड फ्लाइट प्रोटोकॉल में बदलाव की तैयारी

अधिकारियों के मुताबिक बम की धमकी वाली कॉल्स के बीच इनफ्लाइट और ग्राउंड फ्लाइट प्रोटोकॉल में बदलाव की तैयारी है. इसका मकसद है कि यात्रियों को भी ज्यादा समस्या न हो और एयरलाइंस की दिक्कत भी कम हो. रेवेन्यू लॉस को देखते हुए सरकार जल्द फैसला लेगी. पिछले कुछ महीनों में फर्जी कॉल की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे यात्रियों को असुविधा होने के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों और उनके कर्मचारियों का भी बहुत समय बर्बाद होता है.

सभी एयरलाइन्स से उड़ान भरने पर प्रतिबंध

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने पूरे देश में एयरलाइन्स या एयरपोर्ट ऑपरेटरों को फर्जी बम की धमकी देने वाले दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सभी एयरलाइन्स में उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है.  वर्तमान में, यात्री से संबंधित किसी भी घटना के मामले में 3 से 6 महीने के अस्थायी प्रतिबंध का प्रावधान है, वह भी केवल उस एयरलाइन के लिए. BCAS द्वारा प्रस्तावित प्रतिबंध सभी एयरलाइन्स के लिए कई वर्षों की अवधि के लिए है. 

विमानों को फर्जी बम की धमकी देने के तीन तरीके हैं:मेल या सोशल मीडिया , कॉल , शौचालय के अंदर धमकी भरा नोट. पहले दो तरीकों में तकनीकी जांच की गुंजाइश है, लेकिन आखिरी तरीके से पहचान करना मुश्किल हो जाता है. सूत्र ये भी बताते है कि सुरक्षा एजेंसियों ने विमान के शौचालय के अंदर धमकी भरे नोट के मामले में यात्रियों की लिखावट का मिलान करना शुरू कर दिया है.