Domestic Air Passengers: अगस्त में डोमेस्टिक एयर पैसेंजर्स की संख्या हुई 1 करोड़ पार, अभी भी कोरोना पूर्व स्तर से कम
Domestic Air Passengers: एविएशन सेक्टर को धीरे-धीरे राहत मिल रही है. अगस्त में डोमेस्टिक एयर पैसेंजर्स की संख्या 1 करोड़ के पार पहुंच गई. जुलाई के मुकाबले यह 5 फीसदी और सालाना आधार पर 52 फीसदी ज्यादा है.
Domestic Air Passengers: कोरोना के बाद हवाई यात्रियों की संख्या में तेजी से उछाल आ रहा है. एविएशन सेक्टर के लिए यह अच्छी खबर है. डोमेस्टिक एयर पैसेंजर ट्रैफिक अगस्त में पांच फीसदी बढ़कर 1.02 करोड़ हो गया. इसके साथ ही उड़ानों का परिचालन सामान्य होने से चालू वित्त वर्ष में हवाई परिवहन में तेजी से सुधार होने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी ICRA की एक रिपोर्ट में अगस्त महीने के लिए हवाई परिवहन के आंकड़े जारी करते हुए यह अनुमान जताया गया है.
इंटरनेशनल फ्लायर्स में भी उछाल
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल फ्लायर्स की संख्या में भी तेजी से उछाल आया है. अगस्त महीन में इंडियन एयरलाइन कंपनियों के लिए इंटरनेशनल एयर पैसेंजर ट्रैफिक में करीब 32 फीसदी का उछाल आया और यह करीब 19.8 लाख यात्री हो गया और यह कोविड-पूर्व स्तर से आगे निकल गया.
अभी भी कोविड पूर्व स्तर से कम
इक्रा लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं कॉरपोरेट रेटिंग प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा, ‘‘घरेलू विमानन उद्योग में पुनरुद्धार का सिलसिला जारी है. अगस्त में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या करीब 1.02 करोड़ रही जो जुलाई के 97 लाख यात्रियों की तुलना में पांच फीसदी अधिक है. वहीं अगस्त, 2021 की तुलना में यह वृद्धि करीब 52 फीसदी है. इसके बावजूद कोविड से पहले की अवधि यानी अगस्त 2019 की तुलना में यह संख्या अब भी 14 फीसदी कम है.’’
पहले पांच महीनों में हवाई यात्रियों में 131 फीसदी का उछाल
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या करीब 5.24 करोड़ रही है जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 131 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है. इक्रा ने रिपोर्ट में कहा है कि इस दर को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में घरेलू हवाई यातायात में तीव्र वृद्धि रहने की संभावना है. इसके पीछे विमान परिचालन की स्थिति सामान्य होने और कोविड-19 महामारी के संक्रमण में आई गिरावट है.
ATF की कीमत में तेजी से इनकम पर होगा असर
हालांकि, इक्रा को घरेलू एयरलाइंस की इनकम में सुधार की रफ्तार धीमी रहने का अंदेशा है. विमान ईंधन के दाम बढ़ने और डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत गिरने से आने वाले समय में विमानन कंपनियों की आमदनी दबाव में रह सकती है.