Digi Yatra at Jaipur Airport: बहुत जल्द जयपुर एयरपोर्ट से डोमेस्टिक फ्लाइट में सफर करने वाले पैसेंजर्स को अपने साथ फ्लाइट टिकट और बोर्डिंग पास ले जाने की जरूरत नहीं होगी. एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा शुरू किए जाए रहे है डिजी यात्रा (Digi Yatra) प्रोग्राम के तहत जयपुर एयरपोर्ट पर बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम (फेस पॉड) लगाए जाएंगे, ताकि यात्री अपने चेहरे का बायोमेट्रिक डेटा (आंखों की पुतलियां, आदि) स्कैन कर पाएं और उन्हें मानवीय 'चेक-इन' की बोझिल प्रक्रिया से मुक्ति मिल सके. 'फेस पॉड' चेक प्वाइंट्स पर टिकट और पहचान दस्तावेजों के मानवीय सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त कर देगा, जिससे यात्रियों का समय बचेगा. 

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जयपुर हवाई अड्डे के एक प्रवक्ता ने बताया कि अभी यह कार्यक्रम डिजीयात्रा से 'चेक-इन' का ऑप्शन चुनने वाले यात्रियों के लिए केवल एक समर्पित प्रवेश मार्ग के साथ शुरू होगा, लेकिन बाद में इसका विस्तार किया जाएगा. 

डिजीयात्रा ऑप्शन चुनना होगा

Digi Yatra सिस्टम पैसेंजर्स के लिए 'चेक-इन', सुरक्षा जांच और 'बोर्डिंग' के प्रोसेस को सरल बनाएगी, जिससे टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश करने से लेकर विमान में चढ़ने तक की प्रक्रिया तेज और सुचारू होगी. डिजीयात्रा से 'चेक-इन' का ऑप्शन चुनने वाले यात्रियों को या तो हवाई अड्डे पर या फिर डिजीयात्रा पोर्टल या डिजीयात्रा ऐप (Digi Yatra Porta/App) के माध्यम से पंजीकरण करना होगा. 

कैसे काम करता है सिस्टम

डिजीयात्रा ऐप आईओएस और एंड्रॉयड, दोनों स्मार्टफोन पर उपलब्ध है. पंजीकरण के बाद प्रत्येक यात्री को एक विशिष्ट डीवाई आईडी मिलेगी, जिसका भविष्य में देश के किसी भी हिस्से में की जाने वाली सभी हवाई यात्राओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. यह डीवाई आईडी यात्री के पीएनआर संख्या से जुड़ी होगी और उससे जुड़ा सारा डेटा डिजीयात्रा पोर्टल पर सहेजेगी. 

बहुत काम की है चीज

डिजीयात्रा पोर्टल विमानन कंपनियों के साथ समन्वय में शहर, हवाई अड्डे और उड़ान संख्या जैसे यात्रा विवरण की पहचान एवं मिलान करेगा और विमान के प्रस्थान करने से छह घंटे पहले इन्हें हवाई अड्डे के सुरक्षा कर्मचारियों को भेजेगा. ‘डिजीयात्री’ महज अपने चेहरे के बायोमेट्रिक डेटा को स्कैन करके प्रवेश द्वार, सुरक्षा बिंदु और बोर्डिंग द्वार से गुजर सकेंगे. वहीं, जिन यात्रियों के पास डिजीयात्री आईडी नहीं है, उन्हें नियमित प्रक्रिया से गुजरकर ‘चेक-इन’ करना होगा. ‘डिजीयात्रा’ पोर्टल विभिन्न जांच बिंदुओं पर कागज रहित और संपर्क रहित यात्रा अनुभव हासिल करने में सक्षम बनाएगा. 

2022 में शुरू हुए थी सर्विस

डिजीयात्रा सुविधा पहली बार दिसंबर 2022 में नयी दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डों पर शुरू की गई थी. बाद में इसे कुछ अन्य हवाई अड्डों पर भी उपलब्ध कराया गया. जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का रोजाना औसतन 13,500 यात्री इस्तेमाल करते हैं. इस हवाई अड्डे से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता सहित कई अन्य जगहों के लिए प्रतिदिन 49 घरेलू उड़ानें संचालित की जाती हैं. 

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