Delhi High Court SpiceJet: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्पाइसजेट विवाद मामले में अजय सिंह को राहत दी. अदालत ने एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें मीडिया दिग्गज कलानिधि मारन को 579 करोड़ रुपये ब्याज के साथ लौटाने का स्पाइसजेट और उसके प्रवर्तक अजय सिंह को निर्देश दिया गया था. जस्टिस यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने एकल पीठ के 31 जुलाई, 2023 के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह और स्पाइसजेट की तरफ से दायर अपील को मंजूर कर लिया. 

Delhi High Court SpiceJet: हाईकोर्ट ने स्वीकार की अपील, वकील ने दी थी ये दलील 

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जस्टिस यशवंत वर्मा और रविंदर डुडेजा की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा,'यह अपील स्वीकार की जाती है. नतीजतन 31 जुलाई, 2023 का (एकल न्यायाधीश का) आदेश रद्द किया जाता है.' खंडपीठ ने पहले एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और मारन एवं उनकी कंपनी काल एयरवेज से अपील पर जवाब देने को कहा था. स्पाइसजेट और सिंह के वकील ने पहले दलील दी थी कि उनकी चुनौती 18 प्रतिशत ब्याज के मसले पर थी जिसे मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने स्पाइसजेट को भुगतान करने का निर्देश दिया था. 

Delhi High Court SpiceJet: जनवरी 2015 का है मामला, कलानिधि मारन ने वापस खरीद ली थी एयरलाइन

सिंगल जज बेंच ने मारन और काल एयरवेज के पक्ष में 20 जुलाई, 2018 को मध्यस्थता न्यायाधिकरण के दिए गए निर्णय को बरकरार रखा था. अजय सिंह ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. आपको बता दें कि यह मामला जनवरी, 2015 का है जब सिंह ने संसाधनों की कमी के कारण महीनों तक बंद रहने के बाद एयरलाइन को मारन से वापस खरीद लिया था. 

न्यायाधिकरण ने मारन को निर्देश दिया था कि अजय सिंह और एयरलाइन को दंडात्मक ब्याज के रूप में 29 करोड़ रुपये का भुगतान करें. वहीं अजय सिंह को ब्याज के साथ 579 करोड़ रुपये वापस करने के लिए कहा गया था.