Delhi Airport Congestion: दिल्ली एयरपोर्ट पर पिछले दिनों ओवरक्राउडिंग की समस्या ने सुर्खियां बना दी थीं. एयरपोर्ट में एंट्री, चेकिंग इन, बैगेज पास हर जगह पर यात्रियों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा था. एयरपोर्ट अथॉरिटी और एविएशन मिनिस्ट्री को कई कदम उठाने पड़े हैं, जिसके बाद अभी स्थिति कुछ काबू में आ सकी है. लेकिन सबसे पहला और जरूरी सवाल है कि आखिर राजधानी के एयरपोर्ट पर ऐसा मिसमैनेजमेंट ही क्यों दिखा? ऐसी स्थिति ही क्यों पैदा हुई कि सारा ऑपरेशन इसकी चपेट में आ गया?

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इसके पीछे एक जो कारण है वो तो साल के आखिर में बढ़ने वाली ट्रैवलिंग को मान सकते हैं. साल के आखिर में यूं भी लोग छुट्टियां मनाने इधर-उधर जाते हैं. ऊपर से कोविड-19 के चलते पिछले दो-तीन सालों में हवाई ट्रैफिक कम हुआ है, लेकिन अब जब चीजें नॉर्मल हो गई हैं तो यह माना जा सकता है कि यात्रा करने वालों की संख्या अचानक से बढ़ी होगी. लेकिन अगर यात्रियों की संख्या बढ़ती भी है तो भी इससे देश के इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ऐसे हालात कैसे पैदा हो सकते हैं कि वो बढ़ा हुआ फुटफॉल मैनेज न कर सके? इसके पीछे भी कुछ खास वजहें हैं.

सबसे पहली वजह तो ये है कि कोविड के दौरान एविएशन सेक्टर ठप होने के बाद जब यहां धीरे-धीरे स्थिति सुधरनी शुरू हुई तो ऑपरेशन को सपोर्ट करने के पहले से मौजूद रिसोर्स को इस्तेमाल में लाया गया. लेकिन ऐसा लगता है कि आने वाले वक्त में फुटफॉल कितना बढ़ेगा, इसका आकलन नहीं हो सका और इसके हिसाब से चीजों में सुधार नहीं किया गया.

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इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ की कमी ने रुलाया

दिल्ली एयरपोर्ट पर इस समस्या के पीछे एक और कारण यह भी रहा कि यहां एंट्री से लेकर बोर्डिंग तक कई ऐसे पॉइंट्स हैं, जहां मैनुअली काम हो रहा था. मशीनों की कमी, ऊपर से स्टाफ की क्षमता से ज्यादा पैसेंजर्स आ जाने पर अचानक से ये विकराल समस्या खड़ी हो गई. जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट पर CISF की तैनाती को लेकर जो दिशा-निर्देश हैं, उन्हें 2017 के बाद से रिवाइज़ ही नहीं किया गया है. इसके चलते स्टाफ की कमी ने भी यात्रियों के साथ-साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी के पसीने छुड़ा दिए. यानी कि पैनडैमिक के बाद से वक्त और लोग जैसे आगे बढ़े, उस हिसाब से दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इंफ्रास्ट्रक्चर आगे नहीं बढ़ सका और इतना बड़ा क्राउड स्पिल देखने को मिला, जिसने सबको हैरान कर दिया.

आगे क्या सुधार देखे जा सकते हैं?

गुरुवार को गृह मंत्रालय ने इस पूरे हालात को लेकर एक मीटिंग की, जिसमें सुधार के लिए कई कदम उठाए जाने का फैसला किया गया है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में 12 पॉइंट एक्शन प्लान पर चर्चा हुई है, जिसके तहत एयरपोर्ट पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए अतरिक्त स्टाफ की तैनाती होगी. 1200 अतिरिक्त CISF जवान ड्यूटी पर तैनात होंगे. T3 पर कंजेशन को कम करने के लिए स्कैनर की संख्या बढ़ाई जाएगी. कमर्शियल स्पेस को कम करके फ्री स्पेस बढ़ाया जाएगा. साथ ही अगले 3-4 दिनों में T-3 से पीक ऑवर्स में 10% फ्लाइट्स कम की जाएंगी.

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