सूचीबद्ध विमानन कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट तथा जेट एयरवेज की कुछ ऋण सुविधाओं को दी गई साख (रेटिंग) इस महीने घटाई गई है. खर्च बढ़ने तथा कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच किरायों में बढ़ोतरी की सीमित गुंजाइश की वजह से इन एयरलाइंस की वित्तीय साख कम हुई है. 

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हालांकि, भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार है. लेकिन मुश्किल कारोबारी हालात की वजह से एयरलाइंस को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषरूप से एयरलाइंस के समक्ष ईंधन के बढ़ते दाम और रुपये में गिरावट की वजह से दिक्कतें आ रही हैं. घरेलू विमानन कंपनियां सस्ते किरायों के जरिये अधिक से अधिक यात्रियों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं ऐसे में वे टिकट किराये नहीं बढ़ा पा रही हैं. 

इसी परिदृश्य में रेटिंग एजेंसियों इक्रा और क्रिसिल ने इन तीन एयरलाइंस की कुछ ऋण सुविधाओं की साख घटाई है. इक्रा ने 17 अक्टूबर को इंटरग्लोब एविएशन को मिली 8,000 करोड़ रुपये के बैंक रिण बकाए की सुविधाओं की दीर्घावधि साख घटाई है. हालांकि लघु अवधि की रेटिंग को कायम रखा गया है. 

क्रिसिल ने स्पाइसजेट की बैंक सुविधाओं की साख घटाते हुए कहा है कि विमानन कंपनी का प्रदर्शन निकट से मध्यम अवधि में दबाव में रहेगा. 

इससे पहले इसी महीने इक्रा ने जेट एयरवेज की विभिन्न ऋण सुविधाओं की दीर्घावधि की रेटिंग घटाई है.