Cheapest Flight Fare: आम आदमी के फ्लाइट में ट्रैवल करने के खर्चों को कम करने के लिए संसद की एक समिति ने सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए एयरपोर्ट्स पर होने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किफायती हो. समिति ने एयरपोर्ट पर बेवजह की सुविधाएं जोड़कर उसे महंगा बनाने की अवधारणा के खिलाफ मतदान करते हुए यह सिफारिश की है. राज्यसभा के सदस्य सुजीत कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि इस क्षेत्र के अधिकतर स्टेकहोल्डर्स आम पैसेंजर्स हैं, जिसे फ्लाइट में ट्रैवल करने की इच्छा है और ये समय के साथ बढ़ती जा रही है. 

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संसदीय समिति ने सुझाव दिया कि एशियाई प्रशांत क्षेत्र के अन्य एयरपोर्ट्स की तुलना में उपयोगकर्ता शुल्क किफायती और प्रतिस्पर्धी रहना चाहिए. 

पैसेंजर्स के लिए कीमत अहम

समिति ने राज्यसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा, "भारत एक विकासशील देश है और पैसेंजर्स फ्लाइट की कीमत को लेकर जागरूक हैं. हमारी राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति में सरकार द्वारा सामर्थ्य व स्थिरता पर जोर दिया गया है. समिति का मानना है कि अधिकतर लोग हवाई अड्डों का उपयोग केवल यात्रा करने, सामान 'चेक-इन' करने, आगमन पर अपना सामान लेने और अपने गंतव्य पर जाने के लिए करते हैं. अन्य दूसरी सेवाओं को यात्री सेवा जितना महत्व नहीं दिया जा सकता."

फालतू के खर्चों से बचें

रिपोर्ट के अनुसार, "यह सही है कि हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता समग्र परिवहन नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि यह देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा और विदेशी धन के प्रवाह में सीधे योगदान देता है. समिति का मानना है कि हवाई अड्डे के सभी टर्मिनल को आरामदायक व सहज बनाने की जरूरत है, लेकिन उन्हें अत्यधिक भव्य बनाने की आवश्यकता नहीं है और गोल्ड प्लेटिंग से लैस करने की जरूरत नहीं है." 

'गोल्ड प्लेटिंग' से तात्पर्य महंगी सुविधाओं को शामिल करने से है, जो किसी परियोजना की लागत को बढ़ा देता है.

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