कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विमान में तकनीकी खराबी आ गई है. इसके बाद इंजीनियरिंग टीम इस समस्या को ठीक करने में जुटी हुई है. कनाडाई प्रतिनिधि फिलहाल भारत में ही रहेगा. गौरतलब है कि जी 20 समिट के बाद कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष वापस अपने-अपने देश लौट गए हैं. ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक अपनी पत्नी के साथ अपने देश वापस लौट गए हैं. वहीं, जस्टिन ट्रूडो ने आज पीएम मोदी के साथ जी 20 समिट के साइडलाइन्स में द्विपक्षीय मुलाकात भी की है.

नई दिल्ली में ही रुकेगा कनाडाई डेलिगेशन 

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 ANI को हवाई अड्डे के अधिकारी ने बताया कि कनाडाई प्रतिनिधिमंडल तब तक भारत में रहेगा जब तक कि इंजीनियरिंग टीम समस्या को ठीक नहीं कर लेती है. एयरपोर्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, 'कनाडा पीएम के स्पेशल प्लेन में तकनीकी खामी आई है. इस कारण वह अपने निर्धारित समय पर उड़ान नहीं भर पाया है.' कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो और उनका पूरा डेलिगेशन जी 20 समिट के बाद कनाडा वापस लौट रहा था लेकिन, तकनीकी खामी के कारण फिलहाल उन्हें नई दिल्ली में ही रुकना होगा.'  

कनाडा पीएमओ ने जारी किया बयान

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा, 'कनाडाई अथॉरिटी फिलहाल उड़ान की वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है.' सीटीवी न्यूज को दिए एक बयान में कनाडाई पीएमओ ने कहा कि एयरपोर्ट की तरफ जाते हुए कनाडा आर्म्ड फोर्स ने बताया कि विमान संख्या CFC001 में तकनीकी खामी आई है. कनाडा पीएमओ के मुताबिक इस तकनीकी खामी को रातों-रात नहीं ठीक किया जा सकता है. ऐसे में डेलिगेशन भारत में तब तक रुकेगा जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती है.'  

पीएम मोदी से जस्टिन ट्रूडो ने की मुलाकात 

कनडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-कनाडा संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति सम्मान और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं. उन्होंने कनाडा में उग्रवादी तत्वों की जारी भारत-विरोधी गतिविधियों के बारे में हमारी कड़ी चिंताओं से अवगत कराया. ये तत्व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. 

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पीएम मोदी ने कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं. संगठित अपराध,ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए. ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों का आपस में सहयोग करना जरूरी है.