Aviation Security Culture Week: तेजी से बढ़ते भारतीय एविएशन सेक्टर में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने 31 जुलाई से एक सप्ताह के लिए 'सिक्योरिटी कल्चर वीक' शुरू किया है. देश में एविएशन सिक्योरिटी रेगुलेटर BCAS देश में पहली बार 31 जुलाई से 5 अगस्त तक एविएशन सिक्योरिटी कल्चर वीक का आयोजन कर रहा है. भारतीय एविएशन के सभी स्टेकहोल्डर्स ने इसके लिए 'See it, Say it, Secure it' थीम दिया है.

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सिक्योरिटी कल्चर वीक का उद्देश्य एविएशन सोसाइटी के साथ-साथ पैसेंजर्स के बीच सिक्योरिटी को लेकर भी जागरूकता पैदा करना है. इससे लोगों को और सुरक्षित उड़ान मिलेगी. BCAS के डीजी जुल्फिकार हसन ने बताया कि इस सिक्योरिटी कल्चर वीक में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एयरलाइंस, सीआईएसएफ और यात्री जैसे सभी विमानन हितधारक भाग लेंगे.

ये चुनौतियां है सामने

BCAS के डीजी हसन ने बताया कि एयरपोर्ट और एविएशन सिक्योरिटी के लिए आज से समय में सबसे बड़ी चुनौती है ड्रोन और साइबर अटैक है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विमान के अंदर बवाल करने वाले पैसेंजर्स के खिलाफ FIR जरूर हो, ताकि बाकि सभी पैसेंजर्स के लिए पूरा इकोसिस्टम सुरक्षित रखा जा सके.

सिक्योरिटी के लिए ये है टार्गेट

उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा के लिए फुल बॉडी स्कैनर बहुत जरूरी है. अगले 1 साल में सभी बड़े एयरपोर्ट्स पर ऐसे स्कैनर लगाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर 1 घंटे के अंदर 66000 लोगों की Frisking (हाथों से की जाने वाली फुल बॉडी चेक) होती है. हालांकि इसे और ज्यादा बढ़ाए जाने की कोशिश है.

सबसे ज्यादा मिलता हैं ये चीजें

डीजी हसन ने बताया कि इतनी सघन जांच के बाद हर रोज 25,000 आइटम्स रिकवर किए जाते हैं, जिन्हें साथ लेकर उड़ान भरने की इजाजत नहीं है. जिसमें ये सारी चीजें शामिल हैं.

हैंड बैग में - 

  • लाइटर - 26 फीसदी
  • कैंची - 22 फीसदी
  • चाकू -  16 फीसदी
  • तरल पदार्थ - 14 फीसदी

चेक इन बैग में -

  • पावर बैंक - 44 फीसदी
  • लाइटर - 19 फीसदी
  • लूज बैटरी - 18 फीसदी
  • लैपटॉप - 11 फीसदी

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