Airfare Price Hike: बीते कुछ दिनों में अगर आपने घूमने का प्लान बनाया है या किसी जरूरी काम से भी फ्लाइट का टिकट बुक कराया है, तो आपने देखा होगा कि फ्लाइटके दाम पहले की मुकाबले काफी बढ़ गए हैं. महंगे एयर टिकट की मार आपके जेब पर सीधी पड़ रही है. जनरी 2022 से तुलना करने पर अभी आपको 30-40 फीसदी अधिक दाम देना पड़ रहा है. वहीं अगर बीते साल से तुलना की जाए तो फ्लाइट्स के टिकट की कीमतों में सीधा 50 फीसदी तक का इजाफा हो गया है. कुछ सेक्टर में तो यह दाम सीधा दोगुना हो गए हैं. 

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फ्लाइट्स के महंगे होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह Aviation Turbine Fuel यानी कि एटीएफ के दाम में आई तेजी है. बता दें कि इसी फ्यूल की सहायता से फ्लाइट उड़ते हैं. ऐसे में इसके दाम में होने वाली बढ़ोतरी का सीधा असर आपके टिकट की कीमतो में देखने को मिलता है.

पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी बढ़े दाम

इसी महीने देश की राजधानी दिल्ली में ATF की कीमतों में प्रति किलो 5 फीसदी तक का उछाल आया है. जिसके बाद यह 1.23 लाख रुपये हो गया है. ATF की कीमतों में यह इस साल दसवां उछाल था. 1 जनवरी, 2022 को जेट 72,062 रुपये प्रति किलो था, जो अब 61.7 फीसदी बढ़कर 1.23 लाख रुपये हो गया है.

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क्यों बढ़ रहे हैं एटीएफ के दाम

एटीएफ की कीमतों में उछाल की मुख्य वजह है रूस यूक्रेन युद्ध, जिससे क्रूड की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल आया है. एयरलाइंस ने कीमतों में इस बढ़ोतरी का सीधा भार कस्टमर्स पर डाला है. 

हर महीने में दो बार रिवाइज्ड होती है कीमतें

बता दें कि हर महीने की 1st और 16th तारीख को जेट फ्यूल की कीमतें रिवाइज्ड होती हैं. यह कम या ज्यादा कुछ भी हो सकती है. किसी भी एयरलाइन के लिए जेट फ्यूल का खर्च उसके कुल ऑपरेशनल कॉस्ट का 40 पर्सेंट होता है.

विदेशों पर निर्भर 

भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों पर निर्भर है. देश के कुल ऑयल नीड्स का लगभग 85 फीसदीस हिस्सा बाहर से आता है. ऐसे में रुपये के गिरने से हमारी इम्पोर्ट शक्ति भी कमजोर हो रही है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना महामारी का आतंक कम होने के बाद से लोग जमकर ट्रैवल कर रहे हैं. वहीं भीषण गर्मी के चलते भी लोग फ्लाइट से जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. डिमांड और सप्लाई के इसी असंतुलन ने फ्लाइट के टिकटों के दाम बढ़ा दिए हैं.