दिसंबर में खूब उड़े डोमेस्टिक पैसेंजर्स, 31 दिनों में 1.29 करोड़ लोगों ने किया हवाई सफर, DGCA ने जारी किया लेटेस्ट डाटा
Air Passengers in India December 2022: चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर) की अवधि के दौरान घरेलू हवाई यात्री यातायात करीब 9.86 करोड़ रहा है जो सालाना आधार पर करीब 63 प्रतिशत ज्यादा है.
Air Passengers in India December 2022: घरेलू उड़ानों (domestic flight) के पैसेंजर्स की संख्या दिसंबर, 2022 में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.29 करोड़ पर पहुंच गई. हालांकि, यह आंकड़ा महामारी-पूर्व के स्तर यानी दिसंबर, 2019 के मुकाबले एक प्रतिशत कम है. रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इक्रा ने भारतीय विमानन उद्योग (Indian aviation industry) के लिए परिदृश्य को ‘नकारात्मक’ बनाए रखा है. भाषा की खबर के मुताबिक, रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर) की अवधि के दौरान घरेलू हवाई यात्री यातायात (domestic air passenger traffic) करीब 9.86 करोड़ रहा है जो सालाना आधार पर करीब 63 प्रतिशत ज्यादा है. हालांकि, यह अप्रैल-दिसंबर 2019 के स्तर की तुलना में लगभग नौ प्रतिशत कम है.
2022-23 में घरेलू यात्री यातायात में तेजी से सुधार होगा
खबर के मुताबिक, इक्रा ने कहा कि एक साल पहले की तुलना में एयरलाइन कंपनियों ने बीते महीने अपनी क्षमता (एक फीसदी से कम) बढ़ाई है जोकि कोविड-पूर्व के स्तर से करीब सात प्रतिशत कम है. इक्रा के मुताबिक, घरेलू विमानन उद्योग दिसंबर, 2022 में अपनी क्षमता के लगभग 91 प्रतिशत पर परिचालन किया. दिसंबर, 2021 में यह 80 प्रतिशत और दिसंबर, 2019 में लगभग 88 प्रतिशत था. उसने उम्मीद जताई कि ऑपरेशन के सामान्य होने के साथ ही 2022-23 में घरेलू यात्री यातायात में तेजी से सुधार होगा.
विमान ईंधन के दाम बहुत बढ़ गए
एजेंसी ने कहा कि घरेलू एयरलाइंस के लिए आय के लिहाज से पुनरुद्धार की गति कम होने वाली है क्योंकि विमान ईंधन के दाम बहुत बढ़ गए हैं जबकि डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट आई है. इक्रा के उपाध्यक्ष सुप्रियो बनर्जी ने कहा कि 2022-23 में घरेलू यात्री यातायात (domestic Air Passengers in India December 2022) में तेज पुनरुद्धार हो रहा है और महामारी का प्रकोप कम होने और ऑपरेशन के सामान्य होने से इसमें मदद मिल रही है.
करीब 150-170 अरब रुपये का शुद्ध घाटा उठाना पड़ेगा
रिपोर्ट में कहा गया कि यात्री यातायात (Air Passengers) में तो ठीक सुधार होगा लेकिन उद्योग की आय में सुधार की गति मंद रहने वाली है और लागत बढ़ने की वजह से उद्योग को करीब 150-170 अरब रुपये का शुद्ध घाटा उठाना पड़ेगा. हालांकि यह 2021-22 में हुए 235 अरब रूपये के घाटे के मुकाबले कम है.
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