एयर इंडिया को विमान के अंदरूनी हिस्सों में खुद सुधार या बदलाव करने के लिए विमानन नियामक डीजीसीए की मंजूरी मिल गई है. टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन अपने बेड़े को नया रूप देने और परिचालन का विस्तार करने पर काम कर रही है. एयर इंडिया ने सोमवार को एक बयान में कहा कि एयरलाइन को स्वतंत्र रूप से खुद डिजाइन में बदलाव करने और अपने विमानों के अंदरूनी हिस्सों में संशोधन करने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से मंजूरी मिल गई है.

भारत की बनी पहली एयरलाइन, टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ सहयोग

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डीजीसीए द्वारा मिली मंजूर को CAR 21 अनुमोदन के रूप में जाना जाता है.  एयर इंडिया भारत की पहली एयरलाइन है जिसे इस स्तर की मंजूरी मिली है. एयरलाइन ने अपने बेड़े में शामिल विमान के अंदरूनी हिस्सों को बेहतर बनाने के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ सहयोग किया है. 25 अक्टूबर 2024 को DGCA के डायरेक्टर जनरल डी.सी. शर्मा ने एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन को ये अनुमोदन सीनियर की मौजूदगी में सौंपा गया है. 

सीईओ और एमडी ने कहा- 'साझेदारी इनोवेशन की तरफ महत्वपूर्ण कदम' 

आपको बता दें कि एयर इंडिया ने इससे पहले टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ एक सहयोग किया था, जो एक वैश्विक इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा कंपनी है, ताकि विमान संशोधनों के लिए CAR 21 अनुमोदन के साथ अपने बेड़े में विमान के अंदरूनी हिस्सों को बढ़ाया जा सके. टाटा टेक्नोलॉजीज के सीईओ और एमडी वॉरेन हैरिस ने कहा, 'एयर इंडिया के साथ हमारी साझेदारी इनोवेशन और रणनीतिक इंजीनियरिंग के माध्यम से हवाई यात्रा के अनुभवों को फिर से परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.'