केंद्र सरकार कर्ज में डूबी एयर इंडिया (Air India) में रणनीतिक बिक्री (strategic sale) के लिए सहमति पत्र प्रस्‍तुत कर सकती है. डिपार्टमेंट ऑफ इन्‍वेस्‍टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में विनिवेश से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 10 कंपनियों का IPO लाने की तैयारी है.

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अतनु चक्रवर्ती ने बताया कि सरकार एयर इंडिया समेत 24 कंपनियों में विनिवेश करेगी. एयरलाइन के लिए सहमति पत्र जून 2019 तक आ सकता है. पिछली बार एयर इंडिया के विनिवेश में किसी निवेशक ने दिलचस्‍पी नहीं दिखाई थी.

इकोनॉमिक टाइम्‍स की खबर के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में बजटीय लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये का आधा भी हासिल नहीं हो पाया है. केंद्रीय लोक उद्यमों (CPSE) के शेयरों की बिक्री से सरकार ने 2018-19 में अबतक 35,532 करोड़ रुपये की रकम जुटाई है. सरकार ने यह कहते हुए लक्ष्य पूरा करने का विश्वास जताया है कि अधिकांश बिक्री अंतिम तिमाही में होती है.

वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार को 2017-18 के दौरान विनिवेश से 1 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. हमें विश्वास है कि इस साल 80,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य पार कर जाएगा.

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राइट्स, इरकॉन इंटरनेशनल और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने चालू वित्त वर्ष में बाजार में IPO पेश किया. इसके अलावा, सरकार ने सीपीएसई एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से फॉलो ऑन ऑफर से 17,000 करोड़ रुपये जुटाए. 

सरकार ने अपने सीपीएसई में विनिवेश का प्रबंधन करने में मदद के लिए सीपीएसई ईटीएफ मार्च 2014 में शुरू की थी. बजट दस्तावेज के अनुसार, सरकार 2019-20 में अवसंरचना परियोजना, शिक्षा, स्वास्थ्य और रेलवे में पूंजीगत व्यय के लिए धन मुहैया करवाने के मकसद से 90,000 करोड़ रुपये की विनिवेश निधि का उपयोग करना चाहती है.