AIR Fare को लेकर सरकार ने किया बड़ा फैसला, अधिकतम किराये पर लगी रोक हटाई, एयरलाइंस को मिलेगा अब ये फ्रीडम
AIR Fare: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि डेली डिमांड और एयर टर्बाइन ईंधन की कीमत का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद विमान किराया कैप हटाने का फैसला लिया गया है.
AIR Fare: सरकार ने एयरलाइन कंपनियों (Airlines Companies) को बड़ी राहत दी है. मौजूदा पैसेंजर डिमांड को देखते हुए सरकार ने मैक्सिमम हवाई किराये पर लगी रोक हटा दी है. सरकार के इस फैसले के बाद एयरलाइन कंपनियां मिनिमम और मैक्सिमम किराये को तय कर सकेंगी. यह फैसला 31 अगस्त से लागू होगा. आपको बता दें, सरकार ने बीते 18 सितंबर 2021 को बदलाव करते हुए प्राइस कैपिंग लागू कर दिया था. यानी सरकार ने मैक्सिमम किराये (Flight Fare maximum fare caping) पर लिमिट तय कर दी थी. तब से हर 15 दिनों पर फेयरकैप (AIR Fare cap) रिवाइज होता आया है. एयरलाइन कंपनियों के लिए यह एक बड़ी खबर है.
इस वजह से लिया गया फैसला
खबर के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि डेली डिमांड और एयर टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमत का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद विमान किराया कैप हटाने का फैसला लिया गया है. एटीएफ की कीमतें, जो फरवरी 2022 से रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं, पिछले कुछ हफ्तों से नीचे आ रही हैं. सरकार के आदेश में कहा गया है कि शिड्यूल फ्लाइट ऑपरेशन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद एयरलाइन के लिए यह फैसला हुआ है.
आकासा एयर सहित तमाम एयरलाइन को होगा फायदा
एयरलाइंस से एयरफेयर कैप (AIR Fare Cap) हटाने के फैसले से इंडिगो, स्पाइसजेट लिमिटेड, एयर इंडिया और विस्तारा सहित कई डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों को राहत मिलेगी. इस फैसले से एयरलाइंस को टिकटों की स्वतंत्र रूप से कीमत तय करने की अनुमति मिल जाएगी. हाल में शुरू हुई आकासा एयर को भी इस फैसले से फायदा होगा. देश में जून के महीने में करीब 1.05 करोड़ घरेलू यात्रियों ने हवाई सफर किया. जनवरी-जून 2022 के दौरान कुल 5.72 करोड़ यात्रियों ने घरेलू उड़ानों से हवाई सफर किया.
सीटों की बुकिंग दर
डीजीसीए (DGCA) के आंकड़ों के मुताबिक, जून में स्पाइसजेट, इंडिगो, विस्तारा, गो फर्स्ट, एयर इंडिया और एयरएशिया इंडिया की सीटों की बुकिंग दर क्षमता के हिसाब से क्रमश: 84.1 प्रतिशत, 78.6 प्रतिशत, 83.8 प्रतिशत, 78.7 प्रतिशत, 75.4 प्रतिशत और 75.8 प्रतिशत रही. कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले दो साल में एविएशन सेक्टर को यात्रा संबंधी पाबंदियों की तगड़ी मार झेलनी पड़ी है.