1 अप्रैल से देश में परिवहन सेक्टर में एक नया नियम लागू होने जा रहा है. आज से हैवी व्हीकल पर RFID टैग का होना अनिवार्य हो गया है. यानी शोरूम से नया हैवी व्हीकल यानी बस या ट्रक RFID या फ़ास्ट टैग के साथ ही सड़क पर उतरेगा. इस नियम को लेकर नोटिफिकेशन पहले ही जारी हो गया था, लेकिन इसका पालन आज से हो रहा है. निजी वाहनों के लिए यह नियम पहले से ही लागू है. फास्ट टैग से टोल प्लाजा पर लगने वाले समय और जाम से छुटकारा मिलेगा. 

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बता दें कि राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टोल प्लाजा पर टोल देने के समय होने वाली परेशानी और उस दौरान लगने वाले लंबे जाम को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया था. इस सिस्टम को 2014 में शुरू किया था. इसे फास्टैग सिस्टम या फास्ट टैग भी कहते हैं. फास्टैग को मेट्रो कार्ड या किसी फोन के प्रीपेड नंबर की तरह रिचार्ज कराया जाता है. 

फास्टैग की मदद से वाहन चालक टोल प्लाजा में बिना रुके अपना टोल टैक्स दे सकते हैं. इस फास्ट टैग को किसी बैंक या टैग कंपनी से खरीद सकते हैं.

कैसे काम करता है फास्टैग

फास्ट टैग को वाहन के सामने वाले शीशे पर लगाया जाता है. फास्ट टैग में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन यानी आरएफआईडी लगी होती है, जिसकी मदद से टोल प्लाजा पर लगा सेंसर फास्टैग खाते से टोल टैक्स काट लेता है. फास्टैग अकाउंट से टैक्स का पैसा कटते ही रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आ जाएगा. एसएमएस के जरिए आप जान सकते हैं कि फास्टैग अकाउंट से कितनी राशि काटी गई है. इस तरह किसी वाहन के रुके बिना ही उसका टोल टैक्स अपने आप ही कट जाता है. एक फास्टैग 5 साल तक काम करता है. 

कैसे और कहां से लें FasTag

भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, पेटीएम, करूर व्यास बैंक, आचडीएफसी बैंक के जरिए आप फास्टैग हासिल कर सकते हैं और यहीं से रिचार्ज भी करवा सकते हैं. फास्टैग के लिए वाहन के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी), वाहन मालिक का एक फोटो और वाहन मालिक के पहचान पत्र के साथ आप फास्टैग बनवा सकते हैं. फास्टैग को क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से रिचार्ज करा सकते हैं.