Maruti की गाड़ियों को मिलेगी 'रेलवे' की रफ्तार; PM मोदी ने किया प्रोजेक्ट का उद्घाटन, ऐसे मिलेगा फायदा
First Auto In-plant Railway Siding Project: प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ये उद्घाटन किया है. बता दें कि ये प्रोजेक्ट मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) का है और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे शुरू कर दिया है.
First Auto In-plant Railway Siding Project: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पहला ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के हंसलपुर में मारुति सुजुकी के प्लांट में इस प्रोजेक्ट शुरुआत की. प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ये उद्घाटन किया है. बता दें कि ये प्रोजेक्ट मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) का है और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे शुरू कर दिया है. मंगलवार को नरेंद्र मोदी ने गुजरात का दौरा किया और इस दौरान 8500 करोड़ रुपए के रेलवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. इसमें 10 नई वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को हरी झंडी दिखाना भी शामिल है.
रेलवे और मारुति की साझेदारी
इसी दौरान के तहत मारुति सुजुकी का इन प्लांट रेलवे साइडिंग प्रोजेक्ट को शुरू किया गया. ये प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री मोदी के गति शक्ति मिशन के तहत तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट की लागत 976 करोड़ रुपए है और ये इंडियन रेलवे और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की पार्टनरशिप के साथ तैयार किया गया है.
मारुति के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने कहा कि ये भारत में पहली बार है कि किसी ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए इन-प्लांट रेलवे साइडिंग तैयार किया गया है. ये गति शक्ति प्रोग्राम के तहत ही संभव है. इस परियोजना को एक विशेष पर्पज़ व्हीकल, बहुचराजी रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीआरसीएल) द्वारा विकसित किया गया है. इसे गुजरात रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (GRIDE), गुजरात औद्योगिक विकास निगम (GIDC) और एमएसआईएल के साथ 49 प्रतिशत, 29 प्रतिशत के साझेदार के रूप में स्थापित किया गया है.
कार के डिस्पैच की क्षमता को बढ़ाना फोकस
राहुल भारती ने कहा कि यह परियोजना MSIL के लिए वार्षिक 50,000 ट्रक यात्राओं को खत्म कर देती है. साथ ही ऑटोमोबाइल प्रमुख रेलवे द्वारा तैयार कार के डिस्पैच को वर्तमान में 26 प्रतिशत से बढ़ाकर अपनी पूर्ण क्षमता पर 40 प्रतिशत सालाना करने की योजना बना रही है.
यह परियोजना 50,000 ट्रक यात्राओं प्रति वर्ष ट्रकों में उपयोग होने वाले 35 मिलियन लीटर ईंधन की बचत करेगी और प्रति वर्ष 1,650 टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती करेगी. बता दें कि ट्रांसपोर्ट के लिए सड़क से रेल की तरफ बढ़ने से काफी मदद मिलेगी. बता दें कि एक ट्रक की एवरेज ट्रिप 1600 किमी की होती है और एक ट्रेन ऐसे 40 ट्रक को रिप्लेस कर देगी.
3 लाख कार सालाना डिस्पैच करना लक्ष्य
इस रेलवे साइडिंग की कैपिसिटी हर साल 3 लाख कार को डिस्पैच करनी की है. मौजूदा समय में पार्किंग कैपिसिटी 800 कार की है, जिसे बढ़ाकर 3000 कार करना है. फरवरी तक, मारुति सुजुकी ने कुल 18 लाख कार को रेलवे के जरिए डिस्पैच किया है. इस वित्त वर्ष में फरवरी तक मारुति ने 4.09 लाख कार यूनिट्स को डिस्पैच किया है. ये काम रेलवे के जरिए हुआ है