One Vehicle One FASTag: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का 'एक वाहन, एक फास्टैग' नियम सोमवार से पूरे देश में लागू हो गया है. इसका उद्देश्य कई वाहनों के लिए एक फास्टैग के इस्तेमाल या एक वाहन से कई फास्टैग संबद्ध करने को हतोत्साहित करना है. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि कहा कि अब एक वाहन पर एक से ज्यादा फास्टैग नहीं लगाए जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास एक वाहन के लिए कई फास्टैग हैं, वे एक अप्रैल से उनका उपयोग नहीं कर पाएंगे.

31 मार्च तक बढ़ाई गई डेडलाइन

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सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई NHAI ने पेटीएम फास्टैग का इस्तेमाल करने वाले वाहन मालिकों की समस्याओं को देखते हुए 'एक वाहन, एक फास्टैग' स्कीम को लागू करने की डेडलाइन 31 मार्च तक बढ़ा दी थी. फास्टैग भारत में टोल संग्रह की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था है और इसका संचालन NHAI करता है. 

क्यों लागू हुआ वन व्हीकल वन फास्टैग?

इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम की दक्षता बढ़ाने और टोल प्लाजा पर सुगम आवाजाही के लिए NHAI ने 'एक वाहन, एक फास्टैग' पहल शुरू की है. इसके जरिये प्राधिकरण कई वाहनों के लिए एक ही फास्टैग के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के साथ कई फास्टैग को किसी खास वाहन से संबद्ध करने पर रोक लगाना चाहता है. 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Paytm की सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के ग्राहकों और कारोबारियों को 15 मार्च तक अपने खाते दूसरे बैंकों में स्थानांतरित करने की सलाह दी थी. 

देश में 8 करोड़ फास्टैग यूजर्स

फास्टैग की पहुंच लगभग 98 प्रतिशत वाहनों तक है और इसके आठ करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं. फास्टैग में सीधे टोल मालिक से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का इस्तेमाल होता है.