Driverless Cars in India: देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर सरकार का बड़ा प्लान है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि अगले 5 साल में भारत के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को और ऊपर लेकर जाना है. उनका मकसद भारत को नंबर-1 ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना है. IIM नागपुर में आयोजित हुए जीरो माइल संवाद में नितिन गडकरी ने ये बात कही. लेकिन इसके अलावा नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि वो भारत में ड्राइवरलेस कार की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत में अभी ड्राइवरलेस कार के लिए कोई जगह नहीं है. 

ड्राइवरलेस कार को क्यों किया मना?

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नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में बिना ड्राइवर के कार चलाने की अनुमति नहीं होगी. इसकी पीछे की बड़ी वजह ये भी है कि ड्राइवरलेस कार होने से देश में रोजगार बढ़ सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इस पहल से देश में 70-80 लाख लोगों की चली जाएगी. इसलिए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत में ड्राइवरलेस कार नहीं चलेंगी. 

 

Tesla की एंट्री में आएगी दिक्कत?

नितिन गडकरी ने आगे कहा कि भारत में टेस्ला की एंट्री में कोई दिक्कत नहीं है. टेस्ला की एंट्री भारत में हो सकती है लेकिन उन्होंने आगे कहा कि हम इस बात पर विश्वास नहीं करते कि टेस्ला चीन में मैन्यूफैक्चरिंग करें और यहां टैक्स छूट की अपील करे. 

उन्होंने आगे कहा कि टेस्ला भारत में आकर मैन्यूफैक्चरिंग करें और यही की बनी हुई कार को भारत मे बेचे. बता दें कि दुनियाभर में ऑटो इंडस्ट्री की डिमांड तेजी से बढ़ रही है और इसमें भी टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा योगदान है. टेस्ला की कार में ऑटो पायलेट मोड जैसे एडवांस टेक का इस्तेमाल होता है. ऐसे में टेस्ला की एंट्री पर कई तरह के सवाल उठ सकते हैं.