देश को ऑटो मार्केट का हब बनाने और ऑटो इंडस्ट्री के मामले में दुनिया में भारत को पहला स्थान दिलाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भारत में लॉजिस्टिक लागत को कम करने पर फोकस कर रहे हैं. मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान ये बात कही कि अगले 2 साल में भारत में लॉजिस्टिक की लागत को कम किए जाने पर फोकस किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले दो साल में भारत में लॉजिस्टिक कॉस्ट सिंगल डिजिट में लाई जाएगी. बता दें कि मौजूदा समय में भारत में लॉजिस्टिक कॉस्ट डबल डिजिट में है. वर्तमान में ये लागत 16.9 फीसदी है, जिसे कम करके सिंगल डिजिट तक लेकर आना है.  

कम करनी है लॉजिस्टिक कॉस्ट

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नीति आयोग की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में हाईवे और एक्सप्रेस-वे तैयार किए जा रहे हैं. इनको बनाने के पीछे का मकसद लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करना है, ताकि भारत में ट्रांसपोर्टेशन सस्ता हो सके. 

अगले 2 साल में इतनी होगी लागत

उन्होंने आगे कहा कि 2 साल के अंदर भारत की लॉजिस्टिक कॉस्ट 9 फीसदी तक कम करने के लिए हम तैयार हैं. आर्थिक शोध संस्थान ‘नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च’ (एनसीएईआर) के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद के 7.8 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत के बीच थी. 

भारत को मोटर वाहन उद्योग में पहला स्थान

गडकरी ने कहा कि भारत के लिए वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने निम्न गुणवत्ता वाले कोयला के मेथनॉल बनाने के लिए उपयोगी होने की बात को भी रेखांकित किया. मंत्री ने साथ ही कहा कि उनका लक्ष्य भारतीय मोटर वाहन उद्योग को विश्व में पहले स्थान पर लाना है. 

उन्होंने कहा कि भारत पिछले वर्ष जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोटर वाहन बाजार बन गया था और केवल अमेरिका तथा चीन से पीछे था. गडकरी ने कहा कि भारत के मोटर वाहन उद्योग का आकार 2014 में 7.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 18 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. यह उद्योग अधिकतम संख्या में रोजगार सृजन कर रहा है.